जोधपुर। जिले के ओसियां के रामनगर गांव में दम्पती, पुत्रवधू व मासूम को जिंदा जलाने का आरोपी पप्पूराम बेरड़ का नारको टेस्ट कराया जाएगा। जांच अधिकारी मदनलाल रॉयल ने आरोपी नारको टेस्ट करवाने के लिए एसीजेएम ओसियां कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया है।
ग्रामीण पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह यादव ने बताया कि ग्रामीण पुलिस वारदात के हर पहलू की जांच के लिए हर संभव तकनीक का इस्तेमाल कर रही है। बता दें कि ओसियां थानान्तर्गत रामनगर में जमीन विवाद व भाई की हत्या की आशंका के चलते चाचा का परिवार उजाडऩे के आरोपी भतीजे रामनगर निवासी पप्पूराम बेरड़ को वारदात का शिकन व पछतावा तक नहीं है। संदेह के आधार पर हिरासत में लेने के बाद पूछताछ में उसने वारदात स्वीकार कर ली थी। गिरफ्तारी के बाद ओसियां थाने में पुलिस ने उससे अलग-अलग पूछताछ की।
यहां तक कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (क्राइम) दिनेश एमएन ने लम्बी पूछताछ की थी। इस दौरान उसके चेहरे पर चाचा-चाची, भाभी व भतीजी की हत्या करने का जरा सा भी पछतावा नजर नहीं आया। थाने में पुलिस ने खाना मंगाया तो आरोपी ने भर पेट खाना खाया और पंखे के नीचे चैन की नींद भी ली।
चचेरे भाई हरजीराम उर्फ हरीश व चाचा पूनाराम से बदला लेने के लिए पप्पूराम के सिर पर भूत सवार था। उसने बुधवार सुबह चार बजे सिर्फ 15 मिनट में चाचा पूनाराम, चाची भंवरीदेवी, भाभी धापूदेवी की कुल्हाड़ी के चार वार से हत्या कर दी थी। उसने आगजनी का रूप देने के लिए घर में बने बिस्तरों पर तीनों शव अलग-अलग रखे और घसीटकर झोंपड़े में बनी रसोई में लाया था। केरोसीन छिड़ककर उसने तीनों शव को आग लगा दी थी। फिर पीछे छह माह की भतीजी मनीषा बची तो उसे भी जीवित जलती आग में फेंक दिया था। झोंपड़ी को बंद कर वह घर लौट आया था। उसने सिर्फ 15 मिनट में पूरी वारदात कर दी थी।