संजीवनी मामले में केंद्रीय मंत्री शेखावत की मुश्किलें बढ़ी हाईकोर्ट ने मंजूर की राज्य सरकार की आदेश संशोधन पत्र संबंधी एप्लिकेशन

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जोधपुर। बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले मामले में शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश एप्लीकेशन को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। यह एप्लिकेशन केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को एसओजी (स्पेशल ऑपरेशनल ग्रुप) की ओर से संजीवनी घोटाला मामले में आरोपी मानने के लिए लगाई गई थी। ऐसे में अब शेखावत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस मामले में अब अगली सुनवाई 30 मई को होगी।
सरकार की ओर से हाईकोर्ट में आदेश संशोधन प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था। पहले एसओजी ने संजीवनी घोटाले में शेखावत को आरोपी नहीं बनाया था, इसमें संशोधन करते हुए एसओजी ने शेखावत को इस मामले में आरोपी बनाया और फिर सरकार ने कोर्ट में एप्लिकेशन दायक की, जिसे आज स्वीकार किया गया है। एक दिन पहले गुरुवार को भी इस मामले में सुनवाई हुई थी लेकिन समय अभाव के कारण सुनवाई पूरी नहीं हो सकी थी। आज शुक्रवार को हुई सुनवाई में जस्टिस कुलदीप माथुर की बेंच ने सरकार की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र मंजूर कर लिया।

बता दें कि इसी महीने 13 अप्रैल को राज्य सरकार की ओर से सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मामले में जिरह करते हुए कहा था कि शेखावत को एसओजी की एफआईआर में न तो आरोपी माना है और न ही गिरफ्तार कर रहे हैं। इस पर हाईकोर्ट ने गजेन्द्र सिंह शेखावत की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। इस आदेश के बाद जब सरकार की किरकिरी हुई तब उसी दिन एप्लिकेशन में संशोधन के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया गया। सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ऑनलाइन होने से ब्रीफिंग के समय सही से समझा नहीं सके। यह भी कहा कि कोर्ट में एसओजी के अनुसंधान अधिकारी भी मौजूद थे। तथ्यात्मक रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत आरोपी हैं। इसके लिए संशोधन पत्र पेश किया गया जिसे आज स्वीकार कर लिया गया है।

15 दिन पहले मिली थी कोर्ट से राहत
इससे पूर्व 28 मार्च और 3 अप्रैल को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट जस्टिस मनोज गर्ग और प्रवीर भटनागर की बेंच ने सुनवाई पर इनकार कर दिया था। 13 अप्रैल गुरुवार को हुई सुनवाई में जस्टिस कुलदीप माथुर ने शेखावत को राहत देते हुए एसओजी व राजस्थान में कहीं भी दर्ज एफआईआर पर उनकी संभावित गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी और तीन सप्ताह बाद दोबारा सुनवाई के लिए कहा था। इसके बाद इस मामले में अब सुनवाई हुई जिसमें राज्य सरकार की ओर से दी गई एप्लीकेशन को स्वीकार कर लिया गया।

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