राजस्थान में 2 दिन में बनेगा नेता प्रतिपक्ष- अरुण सिंह , जयपुर ब्लास्ट के दोषियों को कांग्रेस की वजह से मिली रिहाई

Share:-

जयपुर
राजस्थान में चुनावी साल शुरू होने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी एक्टिव मोड में आ गई है। प्रदेश अध्यक्ष के बाद अब भारतीय जनता पार्टी जल्द ही राजस्थान में नए नेता प्रतिपक्ष का ऐलान कर सकती है। राजस्थान बीजेपी के प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि 2 दिन में पार्टी विधायकों की बैठक आयोजित होगी। जिसमें विधायकों की राय के आधार और पार्टी आलाकमान के निर्णय के बाद नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान किया जाएगा। हालांकि नेता प्रतिपक्ष कौन होगा इसको लेकर अरुण सिंह ने फैसला पार्टी विधायकों द्वारा करने की बात कही है।

राजस्थान बीजेपी के प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार की लापरवाही की वजह से जयपुर बम ब्लास्ट मामले के आरोपियों की रिहाई हुई है। कांग्रेस के वकील लचर और नरम पैरवी कर रहे थे। लेकिन भारतीय जनता पार्टी और बीजेपी इस मामले पर चुप नहीं बैठेंगे। हम पुरजोर तरीके से कांग्रेस सरकार की इस लापरवाही को लेकर विरोध करेंगे। ताकि बेकसूर लोगों के हत्यारों को सजा मिल सके।

अरुण सिंह ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री पुराने बजट को पढ़ते हैं। उन्हें यही ध्यान नहीं रहता कि नया बजट और पुराना कौनसा है। वह राजस्थान में कैसे सत्ता में आएंगे। राजस्थान में हालात इतने खराब है, कि कांग्रेस के ही मंत्री कहते हैं कि अगर अब भी कांग्रेस नहीं संभली। तो फॉर्च्यूनर में बैठने जितने कांग्रेस के विधायक भी बमुश्किल ही चुनाव जीत सकेंगे। कांग्रेस के ही नेता अपनी सरकार के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। न जाने मुख्यमंत्री किस आधार पर 156 सीट लाने की बात करते हैं। मुझे तो लगता है कि अशोक गहलोत 156 क्या 56 सीटें भी नहीं ला सकेंगे। बल्कि एक कार में बैठने जितने विधायक भी मुश्किल ही आएंगे।

सिंह ने कहा कि राजस्थान के संगठन में बदलाव को लेकर प्रदेश अध्यक्ष चंद्र प्रकाश जोशी ही फैसला करेंगे। फिलहाल वह पार्टी पदाधिकारियों की बैठक लेंगे। इसमें सामूहिक रूप से चर्चा की जाएगी। उसके बाद ही कोई फैसला होगा। भारतीय जनता पार्टी की यही कार्यपद्धती रही है।

अरुण सिंह ने कहा कि राजस्थान में हालात बद से बदतर हो चुके हैं। रामनवमी के मौके पर भजन चलाने के लिए सरकार से परमिशन लेनी पड़ती है। कोटा में पीएफआई खुलेआम रैली निकालती है। कांग्रेस सरकार के राज में पुजारियों की हत्या की जाती है। बेकसूर संत आत्मदाह करने को मजबूर है। जबकि कांग्रेस सरकार तो खनन माफिया को संरक्षण देने में लगी हुई है। राजस्थान में पेपर लीक युवाओं के सपनों को तोड़ रहा है। लेकिन कांग्रेस सरकार सोई हुई है।

बता दें कि राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रहे गुलाबचंद कटारिया के असम के राज्यपाल बनने के बाद राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली चल रहा है। ऐसे में चुनावी साल में भारतीय जनता पार्टी जातिगत समीकरण को साधते हुए अब अगले 48 घंटों में पार्टी के नए नेता प्रतिपक्ष का ऐलान करने वाली है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *