-एडवांस रकम लेकर आईडी के जरिए 24 घंटे चलता था
जयपुर, 6 मई (ब्यूरो): प्रताप नगर पुलिस ने एक दो मंजिला मकान में दबिश देकर ऑनलाइन सट्टïा कारोबार का खुलासा किया है। एक दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार कर इनके पास से करीब छह करोड़ रुपए का हिसाब-किताब बरामद किया है। मकान में मिले भारी मात्रा में सट्टा उपकरण सहित अन्य सामान को जप्त कर कारोबार के मास्टरमाइंड की तलाश की जा रही है।
डीसीपी (ईस्ट) ज्ञानचन्द यादव के अनुसार प्रताप नगर स्थित सैक्टर-26 स्थित दो मंजिला मकान में कॉल सेंटर खोलकर बड़े स्तर पर ऑनलाइन सट्टïा कारोबार चलने की सूचना मिली थी। पुलिस ने दबिश दी तो वहां विशाल यादव (20), निवासी महेन्द्रगढ़ हरियाणा, मुकेश झाझडिय़ा (24) निवासी गुढ़ा झुंझुनूं, आदिल खान (23) निवासी पुराना जालूपुरा, अमन शर्मा (23) निवासी बांदीकुई दौसा, योगेश कुमार (28) निवासी बलारा सीकर, पंकज (21) निवासी सदर झुंझुनूं, सुनील कुमार (23) निवासी पीलीबंगा हनुमानगढ़, सुरेश कुमार (23) निवासी बुहाना झुंझुनूं, संदीप कुमार (22) निवासी पिलानी झुंझुनूं अब्दुल रशीद (28) निवासी पुराना जालूपुरा, प्रवीण कुमार (18) निवासी कोतपूतली और अंकित यादव (19) निवासी विराट नगर जयपुर ग्राहकों को ऑनलाइन सट्टïा खिलाते मिले। सभी आरोपी यहां सैक्टर-26 प्रताप नगर में रहते हैं जिन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
ऑनलाइन गेमलिंग ऐप से खेल
सट्टा कारोबार ऑनलाइन गेमलिंग ऐप स्काई एक्सचेंज के जरिए कॉल सेंटर खोलकर चलाया जा रहा था। ग्राहक को ऐप डाउनलोड करने के बाद यूजर आईडी और पासवर्ड जारी किया जाता था। व्हाट्सएप ग्रुपों पर अमाउंट के स्क्रीन शॉट लेकर ऑनलाइन सट्टा खिलाया जाता था। गैंग पैसे जमा होने पर ग्राहकों को उतने प्वाइंट्स उसकी आईडी में डाल दिए जाते थे। इन प्वाइंट के हिसाब से ही क्रिकेट, लूडो, केसीनों और तीन पत्ती जैसा जुआ खिलाया जाता था। इनके पास से 6 करोड़ रुपए का हिसाब-किताब के साथ ही 4 कम्प्यूटर सिस्टम, वाईफाई, एडप्टर, हैड फोन, पावर बैंक, 2 लेपटॉप, प्रिंटर, 5 मोबाइल भी बरामद किए हैं।
खातों की होगी पड़ताल
पता चला है कि ऑन लाइन जुआ-सट्टïा चलाने वाली गैंग का सरगना अखिलेश निवासी मंडावा झुंझुनूं है। वह सप्ताह में दो बार आकर कारोबार को संभालता था और हिसाब-किताब कर रवाना हो जाता। लगभग 24 घंटे चलने वाले कॉल सेंटर में लोग दो पारियों में काम करते थे। जुआ की रकम भी अलग-अलग नाम से खुलवाए गए खातों में जमा होती थी, जिसे एटीएम के जरिए निकाला जाता था। आरोपियों के पास मिले 5 मोबाइलों की सिम भी जाली निकली हैं। पड़ताल में पता चला है कि करीब 6 माह में इन खातों में करोड़ों रुपए का ट्राजेक्शन हुआ है।