गडकरी बोले- घोड़ों को नहीं घास, गधे खा रहे च्यवनप्राश

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केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के गोगामेड़ी (हनुमानगढ़) में बीजेपी की परिवर्तन यात्रा की शुरुआत के मौके पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के लिए दिए बयान की सियासी चर्चा शुरू हो गई है।

गडकरी ने कहा- फिर से एक बार पुराने भाजपा के शासन को याद कीजिए। आज मैं मंदिर में गया था। मंदिर के पुजारी और वहां के भक्त मुझे कह रहे थे, यह मंदिर किसने बनाया? राहुल कस्वा ( चूरू सांसद) मेरे पास में खड़े थे। मैंने कहा किसने बनाया। वो बोले- वसुंधरा ने बनवाया। अरे, वसुंधरा ने तो अभी 100 करोड़ का बनवाया। एक बार चुन कर दो 500 करोड़ का काम होगा। पूरा मंदिर परिसर बदल जाएगा। यह फर्क होता है।

गडकरी ने कहा- हमारे एक शायर बहुत बड़ी शायरी कहते थे। यह मैं किसी को कह नहीं रहा हूं। वह कहते थे इधर गधे उधर गधे, सब तरफ गधे ही गधे। अच्छे घोड़े को नहीं है घास, गधे खा रहे च्यवनप्राश। समझने वाले को इशारा काफी होता है।

डबल इंजन की सरकार को वापस लाना है। राजस्थान की तकदीर को बदलना है। गांव,गरीब, मजदूर, किसान के भविष्य को बदलो। युवाओं के लिए रोजगार तैयार करो। इतना ही नहीं राजस्थान और देश के भविष्य को बदलो। मोदी के नेतृत्व में, नड्डा के नेतृत्व में भाजपा की सरकार का साथ दो।

राजस्थान में सरकार बदलिए
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने कहा- डबल इंजन की सरकार बनी तो बुलेट ट्रेन की स्पीड से दौड़ेगी। तकदीर आपकी बदलेगी। भविष्य आपका बदलेगा। किसानों और युवाओं का भविष्य बदलेगा। इसी बात का अनुरोध करने के लिए मैं यहां आया हूं। राजस्थान में परिवर्तन कीजिए, सरकार बदलिए।

गडकरी बोले- मैंने तैयार की थी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
गडकरी ने कहा- साल 2004 से अटल बिहारी वाजपेयी ने मुझे दो अच्छे मौके दिए। उन्होंने मुझे ब्राजील भेजा, राम नायक पेट्रोलियम मंत्री थे। मैं एथेनॉल लेकर आया हूं।

वाजपेयी ने मुझे मुंबई से बुलाकर कहा था कि तुमने बहुत फ्लाई ओवर और हाईवे बनाए हैं। अब किसानों का कल्याण करने के लिए गांव को जोड़ने वाली योजना बनाएं। उस समय वसुंधरा राजे अटल जी के मंत्रिमंडल में मंत्री थीं।

उस समय ग्रामीण विकास मंत्री सुंदरलाल पटवा थे। मैंने उस वक्त 3 महीने में रिपोर्ट तैयार की और वाजपेयी जी को सौंप दी। मेरा यह सौभाग्य है। इस देश की सबसे फ्लैगशिप योजना प्रधानमंत्री ग्राम सड़क बनाने का सौभाग्य मुझे मिला। राजस्थान के कितने ही गांव में सड़कें बनीं। अटल बिहारी वाजपेयी नहीं होते तो यह पीएमजीएसवाय नहीं होती। गांव सड़क से नहीं जुड़ते।

हमारा किसान अन्नदाता नहीं ऊर्जादाता
गडकरी ने कहा- अब हमारा किसान अन्नदाता ही नहीं ऊर्जा दाता भी होगा। अब गन्ने के रस से एथेनॉल बन रहा है। बाजरा, गेहूं, मक्का,ज्वार से एथेनॉल बन रहा है। पेट्रोल में 20% एथेनॉल डालने की शुरुआत हुई है।

10 दिन पहले टोयोटा कंपनी की गाड़ी लॉन्च करने का मौका मिला। वह 100 परसेंट किसानों के बने हुए बायो एथेनॉल से चल रही है। जो 60 परसेंट बिजली तैयार करती है। 40% एथेनॉल खर्चा होता है। पेट्रोल के दाम का एवरेज निकाला जाए तो 120 रुपए लीटर का पेट्रोल 20 रुपए पर आ जाता है।

पराली से बनेगा एथेनॉल, गांव-गांव में खुलेंगे पंप
उन्होंने कहा- पानीपत में पराली से इंडियन ऑयल ने एथेनॉल बनाने का प्लांट शुरू किया है। इससे बिटुमिन भी तैयार हो रहा है। क्योंकि मैं ऐसी बातें पहले कह देता हूं। जो बहुत बाद में लोग मानते हैं।

जल्द ही हवाई जहाज भी किसानों के तैयार किए हुए ईंधन से चलेंगे। हीरो, बजाज, टीवीएस के स्कूटर आ गए हैं। जो एथेनॉल से चलेंगे। अभी मैंने इंडियन ऑयल कार्पोरेशन के अध्यक्ष को बुलाकर कहा है कि गांवों में एथेनॉल के पंप खोलो।

खुद तीन चीनी मिल चलाता हूं, जो करता हूं वहीं बोलता हूं
गडकरी ने कहा- मेरे घर एक गाड़ी है। जो हाइड्रोजन से चलती है। अब किसान हाइड्रोजन भी तैयार करके करोड़पति बनेगा। मैं खुद तीन चीनी मिल चलाता हूं। 70 हजार एकड़ में गन्ना उगाता हूं।

मैं जो बोलता हूं, वही करता हूं। जो करता हूं, वही बोलता हूं। जो मैं बोलता हूं, वही होता है। इसलिए डंके की चोट पर आपको बता रहा हूं कि आज किसान आत्महत्या कर रहा है। यह अंधेरा छटेगा। सूरज निकलेगा और विकास का कमल खिलेगा।

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