नए संसद भवन का इनॉगरेशन रविवार दोपहर 12 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। कार्यक्रम को लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। विभिन्न राज्यों से मेहमानों का आना भी शुरू हो चुका है।
शनिवार को प्रधानमंत्री को सुनहरा राजदंड (सेंगोल) भेंट करने के लिए चेन्नई के धर्मपुरम अधीनम के 21 संत दिल्ली पहुंचे और उन्होंने यह सेंगोल PM मोदी को सौंपा। ये संत मोदी के लिए एक खास तोहफा भी लाए हैं।
नई संसद से जुड़े अपडेट्स…
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘नई संसद हमारी संस्कृति और आधुनिकता के मिलन का अप्रतिम उदाहरण है।’
नए संसद भवन के उद्घाटन के विरोध में JDU नेता रविवार को दिनभर उपवास करेंगे।
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘ये सपना हमने आज से 35 साल पहले नरसिम्हा राव की सरकार में देखा था। हमने PM के साथ नक्शा भी बनाया था। तब हमसे तो हो नहीं पाया, लेकिन अब बना है तो उसका स्वागत करना चाहिए। मैं विपक्ष के बहिष्कार के खिलाफ हूं।’
नए भवन में त्रिपुरा के बांस की फ्लोरिंग, सीलिंग की संरचना दमन-दीव से मंगाई गई
नए संसद भवन में देश के हर क्षेत्र की झलक देखने को मिलेगी। इसकी फ्लोरिंग त्रिपुरा के बांस से की गई है। कालीन मिर्जापुर का है। लाल-सफेद सैंड स्टोन राजस्थान के सरमथुरा का है। वहीं निर्माण के लिए रेत हरियाणा के चरखी दादरी से और भवन के लिए सागौन की लकड़ी नागपुर से मंगाई गई है।
भवन के लिए केसरिया हरा पत्थर उदयपुर, लाल ग्रेनाइट अजमेर के पास लाखा और सफेद संगमरमर राजस्थान के ही अंबाजी से मंगवाया गया है। लोकसभा और राज्यसभा की फाल्स सीलिंग में लगाई गई स्टील की संरचना दमन-दीव से मंगाई गई है। वहीं, संसद में लगा फर्नीचर मुंबई में तैयार किया गया। पत्थर की जाली का काम राजस्थान के राजनगर और नोएडा से करवाया गया।
संसद के बाहर लगा अशोक चक्र इंदौर का
प्रतीक चिह्न अशोक स्तंभ के लिए सामग्री महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से मंगवाई गई। वहीं लोकसभा-राज्यसभा की विशाल दीवार और संसद के बाहर लगा अशोक चक्र इंदौर से मंगाया गया है।
पत्थर की नक्काशी का काम आबू रोड और उदयपुर के मूर्तिकारों ने किया है। पत्थर राजस्थान के कोटपूतली से लाए गए। फ्लाई ऐश ईंटें हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मंगवाई गईं, जबकि पीतल के काम और सीमेंट के बने-बनाए ट्रेंच अहमदाबाद से लाए गए।
20 विपक्षी पार्टियों ने बहिष्कार किया, 25 दल शामिल होंगे
कांग्रेस समेत 20 विपक्षी पार्टियों ने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया है। विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दरकिनार कर प्रधानमंत्री से इसका इनॉगरेशन कराने का निर्णय न केवल गंभीर अपमान है, बल्कि यह लोकतंत्र पर भी सीधा हमला है। वहीं, भाजपा समेत 25 पार्टियां उद्घाटन समारोह में शामिल होंगी।