जयपुर, 3 मई। एनडीपीएस मामलों की विशेष अदालत ने मादक पदार्थ अफीम की तस्करी करने वाले अभियुक्त बाबूलाल, राकेश और भागीरथ को दस-दस साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्तों पर सात लाख रुपए का हर्जाना भी लगाया है। वहीं अदालत ने आरोपी बनाए गए एक अन्य व्यक्ति विनोद कुमार को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी मोहम्मद रफीक ने विनोद कुमार को बचाने के लिए प्रकरण में घोर लापरवाही बरती, ऐसे में डीजीपी जांच अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई कर दो माह में अदालत में रिपोर्ट पेश करें। अदालत ने अपने आदेश वर्तमान में मादक पदार्थों के मामलों में बढोतरी हुई है और इसकी आसानी से उपलब्धता के चलते युवा वर्ग में इसका सेवा बढा है। जिसके दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं। ऐसे में अभियुक्तों के प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता।
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक उमाशंकर खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि 20 मई, 2018 को बगरू थाना पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी। सूचना में बताया गया था कि नंबर विशेष की बोलेरो गाडी में तीन लोग अफीम की तस्करी कर रहे हैं। सूचना पर पुलिस ने ठिकरिया मोड पर नाकाबंदी की। इतने में जयपुर की तरफ से आई बोलेरो को रोका गया। तलाशी में पुलिस को बोतलों में भरकर रखी करीब 79 किलोग्राम अफीम बरामद हुई। अभियुक्तों ने पुलिस को बताया कि वह विनोद से अफीम खरीद कर लाए हैं। इस पर पुलिस ने मौके से तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया।