जयपुर, 9 अक्टूबर (ब्यूरो): शारदीय नवरात्र 30 साल बाद चित्रा नक्षत्र, बुधादित्य और वैधृति योग में 15 अक्टूबर से शुरू हो रहे है। नवरात्र का समापन 23 अक्टूबर को रवि योग रहेगा। मां जगदंबा ज्ञान, सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य के प्रतीक हाथी पर सवार होकर आएंगी। हाथी का संबंध भगवान गणेश और महालक्ष्मी से होने के कारण पूरे साल मांगलिक कार्यों के साथ बारिश भी अच्छी होगी। ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि शुरुआत बहुत शुभ है। श्रेष्ठ बारिश होने से किसानों की खुशहाली का संकेत मिलता है। शास्त्रों के अनुसार पितृ मोक्ष अमावस्या पर पितृगण धरती से वापस लौटते हैं, तब मां दुर्गा अपने गणों के साथ पृथ्वी पर भ्रमण के लिए आती हैं। देवी हर साल अलग-अलग सवारी पर बैठकर आती हैं। यह भविष्य के लिए संकेत करता है। माता का स्थाई वाहन शेर है, लेकिन नवरात्रि में उनका वाहन बदल जाता है। इस साल नवरात्रि रविवार से शुरू हो रहे है। इस बार नवमी 23 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस बार घट स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त तथा द्विस्वभाव लग्न धनु सर्वश्रेष्ठ है। इसी दिन चित्रा नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है। नवरात्रि के नौ दिनों में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, सिद्धिदात्री और महागौरी का पूजन किया जाएगा।
शारदीय नवरात्रि की इस प्रकार रहेंगी तिथियां :
15 अक्टूबर-प्रतिपदा तिथि, 16 को द्वितीया तिथि, 17 को तृतीया तिथि, 18 चतुर्थी तिथि, 19 पंचमी तिथि, 20 षष्ठी तिथि, 21 सप्तमी तिथि, 22 दुर्गा अष्टमी, 23 नवरात्र व्रत पारण और 24 दशहरा।
2023-10-10