एंपावर्ड कमेटी के निर्णय की पालना करें न्यास प्रशासन
डिफाल्टर को दी राहत,सजग समाज ने भुगता खामियाजा
कोटा 9 अक्टूबर : नियम,कायदे और शर्तो की पालना कर सजगता दिखाना कई बार आपको भारी पड़ सकती है और नियम व सजगता से कार्य करना आपके लिए नुकसानदेय हो सकता है। ऐसा ही पारीक पंचायत कोटा व हाडौती राजपूत महासभा समिति कोटा के साथ हुआ है। नगर विकास न्यास के भेदभावपूर्ण रवैये से इन समाजो को भूखण्ड आवंटन में मिलने वाली राहत नहीं दी गई । पारीक पंचायत के अध्यक्ष रासबिहारी पारीक एवं हाड़ौती राजपूत महासभा समिति कोटा के अध्यक्ष विजय सिंह हाडा ने कहा कि मंत्रीमण्डलीय एम्पार्ड कमेटी के निर्णय को ना मानकर न्यास प्रशासन ने नियमानुसार चलने वाले समाजो पर आर्थिक बोझ डाल दिया है ऐसे में समाजों में भारी रोष है और समाज अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे है।
यह है मामला
पंचायत के पूर्व अध्यक्ष रवि पारीक व राजपूत समाज के संरक्षक भवानी सिंह चौहान ने बताया कि 25 जुलाई के आदेश में सभी समाजों को डीएलसी दर के 30% पर भूखंड आवंटन किये गए थे। समाजो की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने समाज प्रतिनिधियों ने स्वायत शासन मंत्री शांति धारीवाल का आभार प्रकट कर समयावधि बढ़ाने और राशि को 10 प्रतिशत तक करवाने का आग्रह किया। मंत्री महोदय द्वारा यह कहकर कि मंत्रिमंडल का निर्णय है आप तुरंत राशि जमा कराए नहीं तो आवंटन रद्द कर दिया जाएगा। समाजो ने सम्पूर्ण आर्थिक संसाधनों व उधार लेकर धनराशि एक माह के भीतर कोटा नगर विकास न्यास में जमा करवा दी।
एंपावर्ड कमेटी के निर्णय की अनदेखी
पारीक पंचायत के अध्यक्ष रासबिहारी पारीक एवं हाड़ौती राजपूत महासभा समिति कोटा के अध्यक्ष विजय सिंह हाडा ने बताया कि 20.9.2023 को मंत्रिमंडल की बैठक में एंपावर्ड कमेटी द्वारा लिए निर्णय अनुसार समाजो को डी एल सी दर का 30% से 10% बदलकर सभी नए एवं पूर्व में इस कार्यकाल में आवंटित भूखंडों को राहत प्रदान करने का निर्णय लिया गया । समाजों द्वारा राशि जमा करवाई गई है और धनराशि नहीं जमा की गई है,उन पर भी यह आदेश लागू होगा। लेकिन मंत्रिमंडलीय एंपावर्ड कमेटी के निर्णय को दरकिनार कर नगरीय विकास विभाग द्वारा उनके आदेश क्रमांक पर 2( 68) कोटा दिनांक 30 सितम्बर को को आदेश जारी कर यह निर्देश दिए गए की जिन समाजों ने राशि जमा नहीं की गई उन्हीं पर यह 10% का नियम लागू होगा और जिन्होंने समयपूर्व 30% राशि जमा की गई उन पर यह नियम लागू नहीं होगा। ब्राह्मण व राजपूत समाज द्वारा दिखाई सजगता से का उन्हे खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। न्यास प्रशासन ने डिफाल्टर समाजों को राहत दी है और सजग समाजों को सहायता से वंचित कर दिया है।
न्यायालय की शरण
राजपूत समाज के उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह जी सोलंकी,मंत्री बहादुर सिंह राठौड़ ,कोषाध्यक्ष डॉ अमित सिंह जी राठौड़ व पारीक समाज के संरक्षक देवराज पारीक,कैलाश पारीक ,महामंत्री अशोक पारीक,कोषाध्यक्ष विनोद पारीक ने कहा कि न्यास के अनीति व अन्याय पूर्ण रवैये से समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक आक्रोश है। दोनो समाज अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्षशील है। यदि शीघ्र ही दोनो समाजों के साथ न्याय नहीं किया जाता है तो राज्य की कांग्रेस सरकार को इसका खामियाजा आगामी विधानसभा चुनाव में हो सकता है।समाज अपने न्याय के लिए अंतिम लड़ाई लड़ेगा और आवश्यक होने पर न्यायालय का दरवाजा भी खटखटायेगा।