अमेरिका में अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी में गहमागहमी तेज है। अगले महीने से पार्टी प्राइमरीज यानी चुनाव सभाएं शुरू होंगी। सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति जो बाइडेन उम्मीदवारी का ऐलान कर चुके हैं। लेकिन बाइडेन की घटती साख और बढ़ती उम्र के कारण डेमोक्रेटिक पार्टी के कुछ नेता उनकी दावेदारी को कमजोर मान रहे हैं।
उनका दावा है कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी मिशेल ओबामा सरप्राइज प्रत्याशी के रूप में बाजी को पलट सकती हैं। कनेक्टिकट से डेमोक्रेटिक पार्टी के कांग्रेस में प्रतिनिधि जिम हाइम्स का कहना है कि मिशेल की छवि करिश्माई है।
बाइडेन की तुलना में मिशेल ज्यादा एक्टिव
न्यूयॉर्क की प्रमुख डेमोक्रेटिक नेता इनग्रिड लेविस का कहना है कि भले ही बाइडेन ने बेहतर काम किए हैं, लेकिन 81 साल के राष्ट्रपति बाइडेन की सेहत डांवाडोल रहती है। कभी प्लेन में चढ़ते वक्त तो कभी साइकिल चलाते बाइडेन के गिरने के वीडियो वायरल होते हैं।
इनग्रिड कहती हैं इससे वोटर भी प्रभावित होते हैं। जबकि मिशेल काफी एक्टिव हैं, आठ साल तक अमेरिका की फर्स्ट लेडी रहने के कारण वे राजनीतिक तौर-तरीकों से भी वाकिफ हैं। हाल के सर्वे में बाइडेन की लोकप्रियता रेटिंग मात्र 39% रह गई।
अमेरिका के 75 साल के इतिहास में वे सबसे अलोकप्रिय राष्ट्रपति बन गए हैं। ट्रम्प, ओबामा, बुश जूनियर या क्लिंटन की लोकप्रियता रेटिंग 50% से कम कभी नहीं हुई।
5 कारण जिससे ट्रम्प के एजेंडे का जवाब होंगी मिशेल
मिशेल को अपनी दावेदारी डेमोक्रेटिक पार्टी कन्वेंशन में रखनी होगी। ये पार्टी कन्वेंशन अगस्त, 2024 में होगा।
मिशेल के आने से डेमोक्रेट्स मिशेल-कमला की जोड़ी ऑल वूमन नरेटिव बनाएगी। अभी तक अमेरिका में कोई महिला राष्ट्रपति नहीं बनी।
ट्रम्प कट्टरपंथी श्वेत नस्लवाद समर्थक हैं, जबकि मिशेल उदारवादी और अमेरिका में सभी समुदायों को बराबरी के हक की समर्थक हैं।
बाइडेन की बढ़ती उम्र को ट्रम्प बड़ा मुद्दा बना रहे हैं, मिशेल के चुनाव मैदान में उतरने से ट्रम्प के हाथ ये मुद्दा नहीं रहेगा।
मिशेल के आने से डेमोक्रेटिक पार्टी को एंटी इनकम्बैंसी फैक्टर भी नहीं झेलना पड़ेगा, दूसरा टर्म पार्टी हासिल कर पाएगी।