राजस्थान में 20 लाख से ज्यादा युवा बेरोजगार हैं। भर्ती परीक्षाओं में हर एक सीट पर हजारों छात्रों के बीच कॉम्पिटिशन के बावजूद प्रदेश की चार बड़ी भर्तियों में सैकड़ों सीटें खाली रह गईं।
8 अगस्त को आए सीनियर टीचर भर्ती में पंजाबी विषय के नतीजे इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इसमें 70 पोस्ट के लिए हजारों अभ्यर्थी परीक्षा में बैठे थे, लेकिन महज 7 लोग ही पास हो पाए।
भास्कर पड़ताल में सामने आया कि इसकी वजह दो साल पहले राजस्थान शैक्षिक सेवा नियम में हुआ एक बदलाव है। RAS और रीट को छोड़कर सभी भर्तियों में मिनिमम 40 प्रतिशत मार्क्स लाना अनिवार्य कर दिया गया था, जिसके बाद आयोजित हुई परीक्षाओं में बैठे अभ्यर्थी 40% मार्क्स भी नहीं ला पाए।
विभाग के अनुसार इस नियम से सीटें तो खाली रहेंगी, लेकिन क्वालिटी वाले कैंडिडेट्स सिलेक्ट होंगे। पहले तो माइनस में नंबर लाने वाले कैंडिडेट्स भी एग्जाम में सफल होकर सरकारी नौकरी हासिल कर लेते थे।
इसका दूसरा पहलू ये भी है कि लगातार खाली रह रही पोस्ट से सीटों का बैकलॉग बढ़ता जा रहा है। मामूली नंबरों से भर्ती में सिलेक्ट होने से वंचित अभ्यर्थी इस नियम में ढील देने की मांग भी करने लगे हैं। अभी चुनावी साल में पुलिस, स्टेनोग्राफर, क्लर्क, टीचर की हजारों भर्तियां पाइपलाइन में हैं, जिनके नोटिफिकेशन जारी होने से पहले बेरोजगार संघों ने 40% की अनिवार्यता को 30% तक लाने की मांग की है।
2016 में निकली वो भर्ती जिसमें माइनस में नंबर लाने वाले बन गए सीनियर टीचर
शिक्षक भर्ती एग्जाम में माइनस -23.56% और -9.79% अंक प्राप्त करने वाले शिक्षक बनकर सरकारी स्कूलों में मैथ जैसे सब्जेक्ट पढ़ा रहे हैं। यह खुलासा तब हुआ जब आरपीएससी की ओर से आयोजित वरिष्ठ अध्यापक ग्रेड सेकेंड 2016 के गणित विषय का रिजल्ट आया। रिजल्ट में टीएसपी क्षेत्र के एसटी कैटेगरी का कट ऑफ मार्क्स माइनस -9.79 मार्क्स रहा। मतलब एग्जाम में सही से ज्यादा गलत करने वाले भी मास्टर बन गए।
100 में से 7 नंबर आए, महिला बन गई टीचर
टीएसपी के एसटी वर्ग में महिला अभ्यर्थियों की कट ऑफ 7.40% रही। मतलब 100 में से 7 नंबर लाने वाली महिला भी सफल घोषित हो गई। वहीं, नॉन टीएसपी क्षेत्र में एक्स सर्विसमैन की कट ऑफ तो माइनस 23.64 रही थी। परीक्षा में माइनस नंबर लाने वाले एक्स सर्विसमैन अभ्यर्थियों का चयन हो गया।
परीक्षा प्रणाली पर कई सवाल खड़े हुए
सेकेंड ग्रेड या वरिष्ठ अध्यापक (गणित) 2016 की भर्ती 662 पदों के लिए निकाली गई थी। 30 जून 2017 को इसके एग्जाम हुए थे। एग्जाम में 500 अंक के प्रश्न पूछे गए थे। गणित के लिए जिन अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी, उसके लिए न्यूनतम योग्यता बीएससी के साथ बीएड डिग्री थी। यह योग्यता टीएसपी-नॉन टीएसपी दोनों में समान थी। नॉन टीएसपी क्षेत्रों में भी अभ्यर्थियों ने माइनस में नंबर हासिल किए और वे टीचर बने। ये एग्जाम राजस्थान में काफी चर्चा में रहा था।
2021 में नियम बना: भर्ती परीक्षाओं में 40 प्रतिशत मार्क्स लाना अनिवार्य
इस भर्ती के बाद राजस्थान शैक्षिक (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम 2021 की अधिसूचना जारी कर कई बदलाव किए। नियम लाया गया कि शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं में न्यूनतम 40 प्रतिशत मार्क्स लाना अनिवार्य है। परीक्षा में अगर एक या उसे ज्यादा पेपर हैं, तो सभी में न्यूनतम 40 प्रतिशत मार्क्स लाने पर ही कैंडिडेट सफल घोषित किए जाएंगे।
एसटी-एससी कैटेगरी के अभ्यर्थियों को 5% की छूट दी गई है। इन अभ्यर्थियों को 35% मार्क्स लाना अनिवार्य है। इसके साथ ही पूर्व सैनिकों को 5 से 10 प्रतिशत मार्क्स की छूट दी गई। आरएएस, आरजेएस जैसे सब्जेक्टिव पेपर को इस नियम से बाहर रखा गया है।
अब इन नियमों का क्या असर हुआ? राजस्थान में हुई पिछली 4 सबसे बड़ी भर्तियों के आंकड़ों से समझते हैं….
केस-1 : फर्स्ट ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा : 26 विषयों में स्कूल लेक्चरर की सीट 6 हजार सीटें
लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) ने वर्ष 2022 में माध्यमिक शिक्षा विभाग में प्राध्यापक स्कूल शिक्षा फर्स्ट ग्रेड के लिए कुल 6 हजार पदों के लिए भर्ती निकाली थी। इसमें स्पोर्ट्स कोच की भी सीटें थीं। परीक्षा कुल 450 अंकों की थी। इसमें दो पेपर थे। एक पेपर 300 नंबर का और दूसरा 150 नंबरों का पेपर था। इसमें न्यूनतम 40 प्रतिशत मार्क्स लाना अनिवार्य था। एग्जाम में माइनस मार्किंग भी थी। हर गलत जवाब पर एक तिहाई अंक काटा गया।
इम्पैक्ट : फर्स्ट ग्रेड में कोच की चार परीक्षाओं में एक भी कैंडिडेट पास नहीं हो पाया
माध्यमिक शिक्षा विभाग में फुटबॉल, हॉकी, कुश्ती और खो-खो कोच के लिए 20 अक्टूबर 2022 को परीक्षा आयोजित हुई थी। परीक्षा में पहला पेपर जनरल स्टडीज कोच और दूसरा पेपर कोच की लिखित परीक्षा करवाई गई। परीक्षा में कोई भी अभ्यर्थी न्यूनतम 40 प्रतिशत मार्क्स नहीं ला पाया। फुटबॉल के 3 पद, हॉकी, खो-खो और कुश्ती के 1-1 पद पर कोई भी कैंडिडेट परीक्षा पास नहीं कर पाया।
तीन सब्जेक्ट में आधी से ज्यादा सीटें खाली रह गई
माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्राध्यापक स्कूल शिक्षा में एग्रीकल्चर, संस्कृत और इंग्लिश सब्जेक्ट के 816 पदों पर परीक्षा हुई, लेकिन इन तीनों सब्जेक्ट में 50% तक सीटें खाली रह गईं। क्योंकि कैंडिडेट 40 प्रतिशत मार्क्स नहीं ला पाए थे।
पंजाबी सब्जेक्ट : रिजर्व कैटेगरी की 73% से ज्यादा सीटें खाली
फर्स्ट ग्रेड के पंजाबी सब्जेक्ट पर 15 सीटों पर करीब 3 हजार से ज्यादा स्टूडेंट ने परीक्षा दी। कटऑफ 195 मार्क्स की गई थी। रिजल्ट में चौंकाने वाला फैक्ट यह सामने आया कि एसटी, एससी और ओबीसी वर्ग की सभी 11 सीटें खाली रह गईं।
फिजिक्स सब्जेक्ट : एसटी कैटेगरी में एक भी कैंडिडेट सिलेक्ट नहीं हो पाया
माध्यमिक शिक्षा विभाग में फिजिक्स सब्जेक्ट पर प्राध्यापक शिक्षा स्कूल के 82 पदों के लिए परीक्षा आयोजित हुई थी। कुल 125 कैंडिडेट ने परीक्षा पास की। चौंकाने वाली बात यह थी कि एसटी का एक भी छात्र परीक्षा में 40 प्रतिशत मार्क्स नहीं ला पाया।
केस-2 : सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा- 2022
राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से वरिष्ठ अध्यापक (माध्यमिक शिक्षा विभाग) प्रतियोगी परीक्षा 2022 में 8 सब्जेक्ट के 9760 पदों पर परीक्षा आयोजित करवाई थी। सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा में 12.21 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। परीक्षा में करीब 8.50 लाख अभ्यर्थी उपस्थित रहे थे।
इम्पैक्ट : मैथ्स सब्जेक्ट की 693 सीटें खाली रह गई
एग्जाम में गणित सब्जेक्ट के 1613 पदों टीएसपी क्षेत्र से महज 15 छात्र ही पास हुए। वहीं, नॉन टीएसपी में 905 छात्र पास हुए। एग्जाम में 693 सीटें खाली रह गईं। टीएसपी क्षेत्र में भी 15 सीटों पर सिर्फ जनरल और एससी के छात्रों का चयन हुआ। एसटी का एक भी कैंडिडेट सिलेक्ट नहीं हुआ। वहीं,नॉन टीएसपी में ओबीसी की सीटें खाली रह गईं।
केस-3 : ढाई लाख अभ्यर्थियों ने एग्जाम दिया फिर 2 हजार सीटें खाली रह गईं
माध्यमिक शिक्षा विभाग के लिए बेसिक कम्प्यूटर अनुदेशक की 9 हजार 862 पोस्ट के लिए 18 जून 2022 को परीक्षा आयोजित हुई थी। दोनों परीक्षाओं के लिए करीब 2 लाख 52 हजार कैंडिडेट्स ने फॉर्म भरा था। करीब 2 लाख कैंडिडेट्स ने परीक्षा दी। परीक्षा के बाद कर्मचारी चयन बोर्ड ने इस परीक्षा में पहली बार मिनिमम पासिंग मार्क्स 40 प्रतिशत वाला नियम जोड़ दिया था। इसे परीक्षा का रिजल्ट आया तो 7 हजार 69 कैंडिडेट ही पास हो पाए। कुल 2793 पोस्ट खाली रह गई।
केस- 4 : पीटीआई की सबसे बड़ी भर्ती में खाली रह गईं सीटें
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने शारीरिक शिक्षक (PTI) की सबसे बड़ी भर्ती निकाली। पीटीआई के 5546 पदों पर 25 सितंबर 2022 को परीक्षा आयोजित करवाई गई। इसमें नॉन टीएसपी के 4899 और टीएसपी के 647 पोस्ट थी, लेकिन परीक्षा में 3580 अभ्यर्थियों का ही सिलेक्शन हुआ। इनमें जनरल केटेगरी के 4899 पदों पर 3433 अभ्यर्थियों और अनुसूचित क्षेत्र के 647 पदों पर महज 147 अभ्यर्थी ही फाइनल सिलेक्शन तक पहुंच पाए हैं। 1966 पद खाली रह गए।
इस मुद्दे को लेकर आरपीएससी सेक्रेटरी आरएन मेहता से सीधी बातचीत के अंश
1. भर्ती परीक्षाओं में मिनिमम 40 प्रतिशत मार्क्स का नियम कब लागू हुआ था?
राजस्थान शिक्षा सेवा ने वर्ष 2021 में नए रूल्स फ्रेम किए। इसमें भर्ती परीक्षा में मिनिमम 40 प्रतिशत मार्क्स और कमजोर वर्ग के लिए 35 प्रतिशत मार्क्स लाना अनिवार्य कर दिया गया।
2. नए नियम से सीटें खाली क्यों रह रही हैं?
पहले कई बार जीरो और माइनस नंबर लाने वाले कैंडिडेट सिलेक्ट हो गए थे। लेकिन नया नियम आने के बाद परीक्षा में अब वहीं कैंडिडेट सिलेक्ट होते हैं, जिनके 40 प्रतिशत से ज्यादा मार्क्स आते हैं। इससे क्वालिटी वाले कैंडिडेट परीक्षाओं में सिलेक्ट होकर आ रहे हैं। हां कुछ एग्जाम में पोस्ट खाली रह रही हैं। सीटें खाली रहना भर्ती परीक्षा की विश्वसनीयता को साबित करता है।
3. भर्तियों में खाली सीटों को कैसे भरा जाएगा ?
नियम लागू होने के बाद कुछ ही एग्जाम में सीटें खाली रह रही हैं। इससे बड़ा नुकसान नहीं होने की बजाय फायदा बहुत ज्यादा हुआ है। किसी भर्ती परीक्षा में सीट खाली रह रही हैं, उतने पद नई भर्ती में बढ़ा दिए जाएंगे।
4. मिनिमम मार्क्स 40 प्रतिशत को 30 प्रतिशत करने की मांग की जा रही है?
यह फैसला राज्य सरकार और प्रशासनिक विभाग करेगा। लोक सेवा आयोग तो नियमों को लागू करता है।
अभी और भर्तियां पाइपलाइन में
राजस्थान पुलिस में 3578, कर्मचारी चयन आयोग में स्टेनोग्राफर के 1300, कर्मचारी चयन बोर्ड में कंप्यूटर ऑपरेटर के 583, एग्रीकल्चर सुपरवाइजर के 430, राजस्थान लोक सेवा आयोग में 140, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता और नर्स के 3646, RPSC फर्स्ट ग्रेड भर्ती, राजस्थान 2nd ग्रेड भर्ती, RSMSSB लाइब्रेरियन भर्ती, PTI फर्स्ट और सेकेंड ग्रेड भर्ती, लैब टेक्नीशियन भर्ती, रोडवेज भर्ती, राजस्थान सूचना सहायक भर्ती सहित कई भर्तियां आने वाली हैं।
राजस्थान में 18.4 लाख बेरोजगार युवा
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) सितंबर 2022 की रिपोर्ट के राजस्थान में बेरोजगारों की कुल संख्या 65 लाख है। इसमें से 20.67 लाख युवा बेरोजगार हैं। वहीं, राजस्थान सरकार के अनुसार 21 फरवरी 2023 तक 18 लाख 40 हजार 44 से अधिक बेरोजगार कौशल नियोजन एवं उद्यमिता निदेशालय के पोर्टल पर पंजीकृत हैं। इनमें 11,22,090 पुरुष, 7,17,555 महिलाएं और 399 अन्य शामिल हैं, जिसमें से 1.90 लाख पात्र उम्मीदवारों को बेरोजगारी भत्ता मिल रहा है।