महाकुंभ 2025 की भीड़ अयोध्या और काशी में

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Mahakumbh 2025: मौनी अमावस्या के करीब आते ही संगम नगरी प्रयागराज से श्रद्धालुओं का पलट प्रवाह काशी और अयोध्या की ओर बढ़ गया है। गंगा स्नान और मंदिरों के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु काशी और अयोध्या पहुंच रहे हैं, जिससे इन शहरों में आस्था और भक्ति का माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो गया है। काशी: गंगा घाटों और विश्वनाथ धाम पर भारी भीड़
काशी के गंगा घाटों और काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। गंगा में पवित्र स्नान और बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए शहर में लाखों श्रद्धालु पहुंचे हैं। इस वजह से सभी होटल, धर्मशाला और रैन बसेरे पूरी तरह से भर चुके हैं। जगह की कमी के कारण श्रद्धालु गोदौलिया और आस-पास के क्षेत्रों में बैरिकेडिंग के पास या दुकानों के सामने रात गुजारने को मजबूर हैं।

शहर में बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने गोदौलिया से मैदागिन के बीच वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी है। इस मार्ग को केवल पैदल यात्रियों के लिए खोला गया है। वीआईपी और प्रोटोकॉल वाहनों को भी यहां से गुजरने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
अयोध्या: रामलला के दर्शन को उमड़ी भीड़
अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु पहुंचे हैं। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के चलते अयोध्या में श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर है। सरयू नदी में स्नान करने और मंदिरों में दर्शन के लिए लोग बड़ी संख्या में यहां एकत्रित हो रहे हैं। यहां के होटल और धर्मशालाएं भी पूरी तरह से भरी हुई हैं, जिससे श्रद्धालुओं को ठहरने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

प्रशासन की चुनौतीपूर्ण तैयारी

दोनों धार्मिक स्थलों पर प्रशासन के लिए भीड़ को नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती बन गया है।
• काशी में गोदौलिया और मैदागिन के बीच अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
• अयोध्या में भीड़ प्रबंधन के लिए राम की पैड़ी और अन्य प्रमुख स्थलों पर सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई गई है।
• दोनों शहरों में यातायात और ठहराव की व्यवस्था को बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

श्रद्धालुओं का उत्साह
महाकुंभ 2025 की आस्था और आध्यात्मिकता का प्रभाव अयोध्या और काशी जैसे धार्मिक स्थलों पर साफ दिख रहा है। इन पवित्र स्थलों पर उमड़ी भीड़ भारतीय संस्कृति और परंपरा की गहराई को दर्शाती है।
मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ने की संभावना है, जिससे इन शहरों का माहौल और भक्तिमय हो जाएगा।

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