Lok Sabha Polls: क्या नीतीश कुमार हो सकते हैं इंडिया के समन्वयक?

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लखनऊ विवि के राजनीति शास्त्री प्रो. संजय गुप्ता कहते हैं कि समन्वयक बनने का मतलब पीएम पद का स्वाभाविक उम्मीदवार होना नहीं हैं। नब्बे के दशक में राष्ट्रीय मोर्चा गठबंधन में वामपंथी नेता हरिकिशन सिंह सुरजीत की भूमिका अग्रणी थी, लेकिन प्रधानमंत्री पद के लिए कभी उनका नाम नहीं चला।
समावेशी विपक्षी गठबंधन ”इंडिया” के संस्थापक समन्वयक बिहार के सीएम और जदयू नेता नीतीश कुमार हो सकते हैं। इस पर कांग्रेस समेत सभी घटक दलों में करीब-करीब सहमति बन चुकी है। अगले महीने मुंबई में होने वाली इंडिया की तीसरी बैठक में इसकी घोषणा हो सकती है।
17-18 जुलाई को बेंगलुरु में हुई इंडिया की दूसरी बैठक में निर्णय लिया गया था कि विपक्षी गठबंधन का 11 सदस्यीय समन्वयक मंडल बनाया जाएगा। यह समन्वयक मंडल साझा चुनावी कार्यक्रम और लोकसभा सीटों के बंटवारे से संबंधित मुद्दों को सुलझाएगा। इस समन्वयक मंडल में समन्वयक या संयोजक की अहम भूमिका होगी।
यह गठबंधन बनाने की पहल बिहार से शुरू हुई थी। इसमें नीतीश कुमार का अहम रोल था। जून में पटना में हुई गठबंधन की पहली बैठक में जो दल शामिल हुए थे, उनमें से अधिकतर का पहले से कांग्रेस से कोई गठबंधन नहीं था। इतना ही नहीं तेलंगाना जैसे राज्य में सत्ताधारी भारत राष्ट्र समिति और कांग्रेस की सीधी लड़ाई है।

ऐसे में माना जा रहा है कि नीतीश कुमार को समन्वयक की भूमिका में रखना ज्यादा मुफीद साबित होगा। तेलंगाना और पश्चिमी बंगाल जैसे प्रदेशों में जहां कांग्रेस के साथ क्षेत्रीय दलों के मतभेद हैं, वहां भी वह गठबंधन के मान्य नेता के रूप में स्वीकार किए जा सकेंगे। यूपी की राजनीति के लिहाज से देखें तो सपा नेतृत्व इस पद की दौड़ में नहीं है, इसलिए उसे भी नीतीश के नाम पर कोई एतराज नहीं

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