जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधिपति मनोज कुमार गर्ग की एकलपीठ ने आपराधिक एकलपीठ याचिका में सुनवाई करते हुए लिव इन रिलेशन में रहने वाले याची कमलेश कुमार की गिरफ्तारी पर रोक लगाने का आदेश जारी है। उस पर लिव इन रिलेशन में रहने व विवाह करने के बाद महिला द्वारा दुष्कर्म का आरोप लगाया गया था।
याची के अधिवक्ता प्रवीण दयाल दवे ने बताया कि जालोर निवासी कमलेश कुमार ई मित्र चलाने का कार्य करता है जिसके विरुद्ध वहां की महिला ने दुष्कर्म का गंभीर आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज करवाई थी। वह उसके साथ लिव-इन रिलेशन में थी। इसके पश्चात याची ने राजस्थान उच्च न्यायालय के समक्ष एफआईआर रद्द किए जाने हेतु याचिका प्रस्तुत कर बताया कि दोनों बालिग हैं और दोनों के बीच लिव इन रिलेशन थे। बाद में मंदिर में विवाह भी किया था। जब दोनों जोधपुर थे तब पुलिस के सामने दोनों के बयान भी हुए थे। उस समय महिला के परिजन महिला को जालोर यह कहकर ले गए कि दोनों का विवाह करवा देंगे। बाद में ब्लैकमेल करने की नियत से याची पर दबाव बनाकर छेडख़ानी, दुष्कर्म जैसे गंभीर आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज करवा दी जबकि दोनों के मध्य आपसी सहमतिपूर्वक रिश्ते थे। न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों की सुनवाई कर याची कमलेश कुमार की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए पुलिस के समक्ष अनुसंधान में उपस्थित होने को कहा गया है। प्रकरण में आगामी सुनवाई की तारीख जुलाई माह में निश्चित की गई है। सरकार की ओर से एडवोकेट एनएस भाटी, परिवादिया की ओर से एडवोकेट आरएस चौहान एवं याची की ओर से एडवोकेट प्रवीण दयाल दवे उपस्थित हुए।