उप मुख्य सचेतक एंव सुमेरपुर पूर्व विधायक मदन राठौड़ ने बिहार के सीएम नीतीशकुमार को भेजा पत्र

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संगठित गिरोह बिहार से भारी तादात् में नाबालिग बच्चों का अपहरण कर देश के मदरसों में भेज

तखतगढ 19 मई पूर्व सरकारी उप मुख्य सचेतक एंव सुमेरपुर पूर्व विधायक मदन राठौड़ ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीशकुमार को पत्र लिखकर मांग की है। कि कुछ संगठित गिरोह बिहार से भारी तादात् में नाबालिग बच्चों का अपहरण कर देश के विभिन्न मदरसों में भेज रहे है। जहां उन्हें मजहबी शिक्षा के नाम पर ब्रेनवाॅश कर आतंकी गतिविधियों के लिए तैयार किया जा रहा है। ऐसी खबरें समाचार पत्रों एंवम अनेक नेशनल न्युज चैनल्स से पता चली है। जो अत्यंत ही भयावह है। पूर्व विधायक राठौड़ ने पत्र में लिखा है। कि यह भी सही है। कि देश के विभिन्न शहरों से छोटे-छोटे बच्चों के गायब होने की खबरें आती रहती है। जिनकें अनेक मुकदमें विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज है। लेकिन पुलिस के काफी प्रयास के बाद भी अनेकों गुमशुदों का पता भी नहीं चल पाया है। अशंका है। कि ये बच्चें भी किसी ऐसे ही मदरसे में ब्रेनवाॅश कर। आंतकवादी बनाए जा चुके होगें। इस प्रकार की घटनाऐं आम बात हो चुकी है। आज के ही समाचार पत्रों से जानकारी मिली है। कि बिहार के 63 नाबालिग बच्चें, अगवा कर, महाराष्ट्र के कोल्हापुर मदरसे में भेजते वक्त पकड़ें गए, उन्हें गुण्डों से छुडवाकर, परिजनों को सुपुर्द किया गया है। इसी प्रकार बिहार के 2459 मदरसों की जाॅच एनआईए ने की थी और अनेकों के खिलाफ कार्यवाही कर, आपकों लिखा गया है। पटना का पीएफआई (पाॅपुलर फ्रन्ट आॅफ इंण्डिया) मुस्लिम संगठन भी दोषी पाया गया था। अभी भी फुलवारी शरीफ-मोतीहारी लिंक पर भी एनआईए ने पीएफआई के सदस्य को गिरफ्तार किया गया था। एन.एच.आर.सी. ने भी मामला दर्ज किया। जाॅच हो रही है। दो दिन पहले भागलपुर रेल्वे स्टेशन के पास से बिहार के ही 07 बच्चें ‘‘मिराज मदरसा‘‘ ले जाते वक्त पकड़ें गए थे। एैसे ही 12 बच्चे चैन्नई माधवरम् मदरसा से पकड़े गए थे। राठौड़ ने इस विषय पर चिन्ता व्यक्त करते हुए लिखा कि मैनें तो कुछ ही दृष्टान्त आपके समक्ष रखे है। ऐसी अनेकों घटनाएं है। जिनमें कुछ देश विरोधी संगठित गिरोह ऐसे नाबालिक बच्चों को अगवाकर, उनमें आतंकी मानसिकता भरकर, उन्हें अपने ही देश के खिलाफ आंतक फैलाने जैसे कुकृत्य के लिए तैयार करते है। ऐसी संस्था चलाने वालों के मन में इन बच्चों के प्रति कोई दया भाव नहीं होगा। क्योंकि ये बच्चें उनके नही होते। ऐसी संस्थाओं को विदेशी फंण्डिग होना भी संम्भव है। कृपया आप इस पर तत्काल कार्यवाही करें।

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