राजस्थान में अब ऐसे राजस्व गांव जो शहरों के मास्टर प्लान के यू-2 एरिया में आ रहे हैं। उनमें कृषि भूमि का भू-उपयोग परिवर्तन हो सकेगा। ये भू-उपयोग परिवर्तन संबंधित शहर की यूआईटी, विकास प्राधिकरण या नगरीय निकाय के जरिए किए जाएंगे। अभी तक इन एरिया में भू-उपयोग परिवर्तन करने पर स्थिति स्पष्ट नहीं थी।
नगरीय विकास विभाग से जारी एक आदेश के मुताबिक अभी तक केवल उन्हीं गांवों में भू-उपयोग परिवर्तन करने का प्रावधान था। जो मास्टर प्लान की परिधि नियंत्रण पट्टी एरिया में आते थे। अब सरकार ने आदेशों में स्पष्टीकरण किया है कि जिन मास्टर प्लान में परिधि नियंत्रण पट्टी का उल्लेख नहीं है। यू-2 या ग्रामीण एरिया दर्शाया गया है। उनमें भी भू-उपयोग परिवर्तन किया जा सकेगा।
इन जमीन का किया जा सकेगा भू-उपयोग परिवर्तन
गांवों की आबादी के 500 मीटर की दूरी तक जो खाली कृषि भूमि है। उस पर आवासीय भवन बनाने, स्कूल भवन बनाने, डिस्पेंसरी, नर्सिंग होम या हॉस्पिटल बनाने के लिए जमीन का कन्वर्जन किया जा सकता है। कम से कम 500 और अधिकतम 5 हैक्टेयर जमीन का कृषि भूमि से आवासीय के लिए परिवर्तन किया जा सकता है।
इसी तरह हॉस्पिटल, नर्सिंग होम के लिए कम से कम 200 वर्गमीटर और अधिकतम 10 हजार वर्गमीटर और स्कूल बनाने के लिए कम से कम 500 वर्गमीटर और अधिकतम 10 हजार वर्गमीटर जमीन का भू-उपयोग परिवर्तन किया जा सकता है।