यूआईटी रिवर फ्रंट नामक सफेद हाथी को पालने के 5 साल में देगा 182 करोड़

Share:-

यूआईटी की जेब काटकर संवेदक पर मेहरबान क्यों है मंत्री: गुंजल

कोटा 22 सितम्बर :भारतीय जनता पार्टी के नेता और कोटा उत्तर के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने शुक्रवार को प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और नगर विकास न्यास के अधिकारियों पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, गुंजल ने रिवरफ्रंट के टेंडर, इसमें नियुक्त किए जाने वाली कार्मिकों की तनख्वाह को लेकर भी आरोप लगाए।
नगर विकास न्यास द्वारा 1500 करोड़ से बनाए गए रिवर फ्रंट के संचालन में भारी अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कोटा उत्तर पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने प्रेस वार्ता में कहा कि जब यूआईटी द्वारा टेंडर निकाला गया कि संवेदक आए खुद कमाए खुद खाये बस 5 करोड रुपए सालाना यूआईटी को दे दे तो दो-दो बार टेंडर निकालने पर भी जब कोई नहीं आया तो उल्टा कुछ अव्यवहारिक शर्तों के साथ 20 करोड़ से अधिक सालाना के हिसाब से 5 साल का 100 करोड रुपए उल्टा संवेदक को देने की शर्तों के साथ रिवर फ्रंट के रखरखाव का टेंडर निकाला । जिसके अनुसार 5 साल में जीएसटी सहित 182 करोड रुपए यूआईटी संवेदक को देगी साथ ही यह भी शर्त शामिल की गई की इस टेंडर को आगे भी 3 साल तक बढ़ाया जा सकता है ।
उन्होंने कहा कि यूआईटी की जेब काटकर मंत्री सिंगल बिड पर प्राप्त निविदा के संवेदक पर इतनी मेहरबानी क्यों कर रहे हैं यह सारा शहर जानता है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सारा का सारा खेल अपने बेटे के लिए किया जा रहा है।

गुंजल ने कहा कि मैनेज कर लाई गई फर्म को लाभ पहुंचाने की नियत से रिवर फ्रंट के फैसिलिटी मैनेजमेंट के नाम से निकाली गई इस निविदा में एकमात्र संवेदक सीबीआरआई साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड ने भाग लिया जिसने कार्य करने की दर भी 3 करोड़ 40 लाख 34 हजार 274 रुपए प्रति माह दी जो की वार्षिक लगभग 41 करोड रुपए थी जो न्यास द्वारा निविदा में आमंत्रित दर से दुगनी थी।
गुंजल ने कहा कि 15 करोड़ से अधिक की कोई भी फाइल के कार्य आदेश को मंत्री स्तर पर अनुमोदन के पश्चात ही जारी किया जाता है तो यह फाइल भी नियमानुसार मंत्री के स्तर पर अनुमोदित की गई है। जिसमें पर्दे के पीछे भारी भ्रष्टाचार किया गया है। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी रिवर फ्रंट के निर्माण में लगे हुए थे उनमें से कितने अधिकारियों को इस तरह के कार्य का अनुभव है।

पहले दिन से ही शुरू हुआ भ्रष्टाचार का खेल
प्रहलाद गुंजल का कहना है कि कंसल्टेंसी फर्म का टेंडर निचली दर होने के बावजूद गुजरात की कंपनी को छोड़कर ज्यादा दर वाली आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया की फर्म सिनकेर आर्किटेक्ट इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है। यह पहले दिन ही भ्रष्टाचार हो गया था. उसके बाद 1500 करोड़ रुपए का रिवरफ्रंट वैधानिक खड़ा कर दिया गया है।

रिवर फ्रंट पर तैनात स्टाफ के वेतन चौंकाने वाले

गुंजल ने कहा कि रिवर फ्रंट पर कार्यरत स्टाफ के वेतन जो टेंडर में रखे गए हैं वह चौंकाने वाले हैं उन्होंने कहा कि रिवर फ्रंट पर इलेक्ट्रिक व्हीकल चलने वाले 20 ड्राइवर रखे जाएंगे जिसमे प्रति ड्राइवर वेतन 74,250 प्रति माह 8 घंटे की सिंगल शिफ्ट के लिए होगा, रिवर फ्रंट मैनेजर का वेतन 2,22,000 रुपए प्रतिमाह, फैसिलिटी मैनेजर का वेतन 1,23,200, इवेंट मैनेजर का वेतन 83,600 प्रतिमाह,इवेंट स्टाफ का वेतन 43,600 प्रतिमाह, लाइजनिंग हेड 66,000 प्रतिमाह, असिस्टेंट फैसिलिटी मैनेजर 77,000 , हाउस कीपिंग सुपरवाइजर 22,330, बाउंसर 18,700 प्रतिमाह। गुंजल ने आरोप लगाया कि इसमें भी स्टाफ के वेतन के नाम पर भी भारी भ्रष्टाचार होगा।

नॉन बीएसआर के नाम पर 500 करोड़ की गड़बड़ी

इस पूरे 1500 करोड़ के काम में नॉन बीएसआर के नाम पर 400 से 500 करोड़ के काम में भारी भ्रष्टाचार हुआ है । वही बाकी के टेंडरो में कई टैंडर ऐसे है जो दस दस करोड़ टैंडर जारी होने के बाद लगातार चीफ इंजीनियर की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने 8 से 10 गुना तक बढाकर 80_ 80, 90_90, 100_100 करोड़ तक पहुंचा दिया टैंडर को इतना बड़ाने का अधिकार राज्य सरकार के पास भी नहीं है। इसमें भ्रष्टाचार का खुला खेल हुआ है। सारे प्रकरण की जांच होगी क्योंकि इस पत्रावली पर मंत्री के साइन हुए हैं। मंत्री,न्यास के ओएसडी, रिवर फ्रंट के आर्किटेक्ट, यूआईटी का पूरा इंजीनियरिंग महकमा, ठेकेदार सभी जांच के दायरे में आएंगे व राज आने के बाद सबके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *