यूनिवर्सल थियेटर एकेडमी, जयपुर एवं संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में नाटक अंत हाज़िर हो का मंचन 29 अक्टूबर 2023 को रवीन्द्र मंच के मिनी थियेटर में सांय 6.30 बजे से किया जाएगा। नाटक का लेखन डॉ. मीराकान्त एवं निर्देशन वरिष्ठ रंगकर्मी केशव गुप्ता ने किया है।
डॉ. मीरा कान्त द्वारा लिखित नाटक अन्त हाज़िर हो में परिवार एवं समाज के भीतर मिथकीय रिश्तों में पनप रहे शोषण को दर्शाया गया है। परिवार में मिथकीय रिश्तों में पड़ी दरारों से हम कतराकर निकल जाते हैं। उन्हें गैरमौज़ूद घोषित करने की कोशिश करते रहते है पर मिथक तो मिथक ही है वास्तविकता नही। ऐसे ही पारिवारिक रिश्तों के दलदल में प्रवेश करते हुए नाटक की कहानी आगे बढ़ती है। नाटक अन्त हाजिर हो की कहानी सीलबन्द रिश्तों की बखिया उधेडता है। उनकी सीवन को तार-तार करता है। पारिवारिक स्तर पर बलात्कार, व्यभिचार के मामले आज की खोज नहीं है वरन् यह घटनाक्रम तो सदियों से चला आ रहा है सार्वजनिक तौर पर यह नाटक जीवन की उन स्थितियों व घटनाओं को मंच पर लाता है जो छोटी उम्र से ही किसी बालिका का दुःस्वप्न बन जाती है। यह समाज का दुर्भाग्य है कि वह पारिवारिक व्यवस्था में घुन की तरह छुपी बैठी इन परिस्थितियों से बाहर निकलने की हिम्मत नही करना चाहता है वरन् वह इसे किसी कोनें में धकेलकर खुद बाहर आ जाता है, यह जताते हुए कि कहीं कुछ गलत नही। बात समाज में हो रहे बलात्कार या व्यभिचार की नहीं है बल्कि रिश्तों में पनप रही गै़र ईमानदारी तथा विश्वासघात की है। यही दिखाता है नाटक अन्त हाजिर हो। भारतीय समाज की संरचना मर्यादा की पक्षधर रही है अर्थात परिवार में सभी लोगों की कुछ मर्यादाएं होती है जिनके सहारे वह सम्पूर्ण जीवन को जीने की कोशिश करता है लेकिन जब ये मर्यादाएं टूटने लगती है तो घर में बिखराव, उत्पीडन और हिंसा के शिकार होते हैं घर के ही लोग। यही कहानी है इस नाटक की, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर देती है।
नाटक में धीरज-अर्जुन देव, इरफान एवं पिता-अमन कुमार, सुधांशु-शुभम सोयल, शिल्पा-प्रियंका इन्दोरिया, रोली एवं छोटी-लिषिता सोयल, नानी अम्मा-भूमिका चौधरी, नवयुवक एवं चायवाला-रिषभ सिंह आदि ने मुख्य भूमिका में होगें। नाट्य पार्श्व में वॉइस ओवर-अर्जुन देव, प्रकाश व्यवस्था-केशव गुप्ता, रूपसज्जा-सीमा गुप्ता, वस्त्र सज्जा एवं कोरियोग्राफी-प्रियांक्षी केसवानी, पार्श्व संगीत-रिषभ एवं गीतिका, मंच सज्जा-धर्मेन्द्र भारती, बैक स्टेज-रिया सैनी, प्रस्तुति प्रबन्धक-अभय शर्मा एवं उद्घोषण-अर्जुन देव का था। नाटक की परिकल्पना एवं निर्देशन केशव गुप्ता द्वारा की गई।
केशव गुप्ता
अध्यक्ष
2023-10-27