स्वस्थ और आदर्श जीवन का सूत्र है कथक: बोराणा ,बीस दिवसीय राज्य स्तरीय कथक नृत्य प्रशिक्षण शिविर शुरू

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जोधपुर। राजस्थान राज्य मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं राज्यमंत्री रमेश बोराणा ने बुधवार को राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के कथक नृत्य कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में अपने विचार व्यक्त करते हुए कत्थक को ईश्वर की आराधना माना है। संगीत नाटक अकादमी अध्यक्ष बिनाका जेश मालू ने बोराणा का हार्दिक स्वागत किया एवं अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया।
उन्होंने कहा कि कत्थक केवल नृत्य नहीं है यह जीवन कि वह पाठशाला है जिसमें एक अबोध बालक मानसिक रूप से एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ नागरिक बनता है। वैसे भी कलाओं का मूल प्रयोजन मानव संस्कृति की रक्षा करना होता है उसी प्रकार कथक का भी यही मूल प्रयोजन है कि वह समाज में स्वस्थ मानसिकता वाले हष्ट पुष्ट नौजवानों को तैयार करें। कत्थक सीखने वाला हर बालक हर बालिका भले ही विश्व प्रसिद्ध कलाकार नहीं बनता परंतु अपने जीवन को उच्च मूल्यों के साथ जीवन जीने के लिए कटिबद्ध हो जाता है। कत्थक आज समाज की जरूरत है। कत्थक केवल नृत्य नहीं जीवन जीने की एक अनुपम विधि है। राजस्थान संगीत नाटक अकादमी द्वारा कला एवं संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए निरंतर प्रयास की श्रंखला में 12 जून तक यह कार्यशाला रहेगी। जिसमें जोधपुर की बालिकाएं अंतरराष्ट्रीय गुरु महुआ कृष्णदेव से कत्थक की बारीकियां सीख रही हैं साथ ही सुनीता अग्रवाल सानिध्य में कथक शैली का नृत्य नवीन आयाम छू रहा है। अकादमी सचिव डॉ सूरज राव ने बताया कि 25 मई को सुबह 8 बजे से बाल नाट्य शिविर का शुभारंभ किया जा रहा है। इस शिविर में नाट्य परंपरा एवं नाट्य विधा सूक्ष्म प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए प्रतिष्ठित रंगकर्मी अभिषेक मुद्गल जयपुर से आ रहे हैं यह शिविर आठ जून तक अकादमी परिसर में संचालित होगा। अकादमी अध्यक्ष ने बताया कि शिविर के अंत में प्रशिक्षणार्थी द्वारा मंच प्रस्तुति दी जाएगी तथा अकादमी की और से उन्हे प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।

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