-झोटवाड़ा सीट पर भाजपा के दो मजबूत नेता सांसद को टिकट देने का कर रहे विरोध
-सडक़ पर उतरकर विरोध, प्रदर्शन व रैली निकालकर शक्ति प्रदर्शन में जुटे
-406 पदाधिकारियों ने टिकट वितरण को लेकर दिए इस्तीफे, कोटपुतली-सांचौर में भी पार्टी बैकफुट पर
16 अक्टूबर : जयपुर देहात के सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को भाजपा ने झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतारा है। टिकट मिलने पर उत्साहित नजर आ रहे राठौड़ का अब उनकी पार्टी के दिग्गज नेता ही विरोध कर रहे हैं। पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत व आशु सिंह सुरपुरा ने बगावत का झंडा उठा लिया है। लगातार विरोध-प्रदर्शन के बाद अब यह रैली के माध्यम से अपनी ताकत दिखाते हुए पार्टी के सामने शक्ति प्रदर्शन भी कर रहे हैं। यदि यह दोनों नहीं माने तो सांसद राठौड़ की राह मुश्किल हो सकती है। हालांकि बीजेपी नेता नाराज नेताओं की नाराजगी दूर करने का दावा कर रहे हैं, लेकिन आशु सिंह ने निर्दलीय चुनाव लडऩे का ऐलान कर सभी की नींद उड़ा दी है।
वहीं कोटपुतली व सांचौर में 406 लोगों ने भाजपा प्रत्याशी हंसराज पटेल व सांसद देवजी पटेल के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है।
वैसे तो भाजपा की पहली लिस्ट के 41 प्रत्याशियों में से अधिकतर का उनकी विधानसभा में विरोध हो रहा है। कोई किसी को बाहरी बता रहा तो कोई अपनी सक्रियता व पार्टी के लिए सालों से काम करने की दुहाई दे रहा है। बीजेपी ने 2018 में पार्टी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लडऩे वाले 8 प्रत्याशियों को बीजेपी से टिकट देकर खुद ही अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है।
झोटवाड़ा की बात करें तो पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के कट्टर समर्थक व पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत की टिकट कटने से सभी हैरान हैं। इसको शेखावत के बजाय राजे के खिलाफ पार्टी की रणनीति बताई जा रही है। शेखावत व उनके समर्थक बगावत पर उतारू हो चुके हैं। कैंडल मार्च निकालकर बीजेपी को हकीकत दिखाने की कोशिश भी कर रहे हैं।
वहीं शनिवार को संघ पृष्ठभूमि के एवं टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे आशु सिंह सुरपुरा को भी बीजेपी ने झटका दिया। इससे नाराज आशु सिंह व उनके समर्थकों ने शनिवार को विशाल रैली निकालकर पार्टी नेताओं के साथ ही सांसद राठौड़ की परेशानी बढ़ा दी। आशु सिंह ने संबोधन में गीता की कसम खाकर निर्दलीय चुनाव लडऩे एवं जीतने तक जूते नहीं पहनने की बात कही।
झोटवाड़ा की सीट निकालना मुश्किल
झोटवाड़ा में दो बीजेपी के बड़े नेताओं की नाराजगी ने संगठन की हवा खराब कर दी है। यदि यह दोनों नहीं माने तो फिर बीजेपी के लिए झोटवाड़ा की सीट निकालना मुश्किल हो जाएगा। इसके चलते संगठन अब मान-मनुहार में जुट गया है, लेकिन यदि वह सफल नहीं हुए तो फिर सांसद राठौड़ की हालत पतली हो सकती है।
पद छोडऩे की शुरू हुई प्रतिस्पर्धा
कोटपुतली में मुकेश गोयल के समर्थन एवं बीजेपी प्रत्याशी हंसराज पटेल के खिलाफ 400 से अधिक पदाधिकारियों ने इस्तीफे सौंपे।
वहीं सांचौर में सांसद व बीजेपी प्रत्याशी देवजी पटेल के खिलाफ आधा दर्जन मंडल अध्यक्षों ने भी इस्तीफा दे दिया है। सांचौर के 8 मंडल में से 6 के इस्तीफा देने से पार्टी बैकफुट पर नजर आ रही है। नाराजगी दूर नहीं हुई तो देवजी पटेल का चुनाव जीतना मुश्किल हो सकता है।