जिंदा मिले बम प्रकरण में पूर्व एडीजी जैन को बतौर गवाह शामिल करने की अर्जी

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जयपुर, 25 जुलाई। शहर की चारदीवारी में वर्ष 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के दौरान जिंदा मिले बम को लेकर चल रही ट्रायल में एटीएस की ओर से पूर्व एडीजी अरविन्द कुमार जैन व मीडियाकर्मी प्रशांत टंडन को बतौर गवाह तलब करने के लिए अदालत में अर्जी दायर की गई है। इस अर्जी पर जयपुर बम ब्लास्ट मामलों की विशेष अदालत सात अगस्त को सुनवाई करेगी।
एटीएस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व मामले के अनुसंधान अधिकारी की ओर से दायर अर्जी में कहा है कि 13 मई 2008 को जयपुर बम ब्लास्ट के बाद 14 मई को आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन ने ब्लास्ट की जिम्मेदारी लेने के लिए ईमेल किया था। अभी बम ब्लास्ट से जुडे जिंदा बम मामले में अनुसंधान चल रहा है। ऐसे में इस संबंध में इंडिया टीवी के तत्कालीन मीडियाकर्मी प्रशांत टंडन और तत्कालीन एडीजी एके जैन को बयानों के लिए बुलाया जाना जरूरी है। इसलिए इन दोनों गवाहों को साक्ष्य सूची में शामिल करते हुए इन्हें बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया जाए। इसके अलावा एटीएस ने सैफुर की गिरफ्तारी के समय उसके बयान दर्ज करने वाले सीजेएम की भी गवाही कराने का आग्रह किया है। वहीं आरोपी मोहम्मद सैफ व अन्य आरोपियों के अधिवक्ता ने कहा है कि वे एटीएस की अर्जी का जवाब देंगे। वहीं एटीएस की ओर से जिंदा बम मामले को गंभीरता से लेते हुए 2008 में जयपुर के अलावा बाटला हाउस व करोल बाग व गुजरात में हुए बम ब्लास्ट की एफआईआर सहित अन्य दस्तावेजों को भी पेश किया गया है। वहीं एटीएस ने दिल्ली की चांदनी चौक से मोहम्मद सैफ द्वारा जयपुर बम ब्लास्ट के लिए छर्रे खरीदने के लिए उपयोग की गई आईडी को भी पेश किया।

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