सुप्रीम कोर्ट ने बम कांड की जांच करने वाले पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई पर लगाई रोक

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जयपुर, 17 मई। सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर शहर में 13 मई 2008 को आठ जगहों पर हुए सिलसिलेवार बम ब्लास्ट केस में राजस्थान हाईकोर्ट के चार आरोपियों की फांसी की सजा रद्द कर उन्हें दोषमुक्त करने के गत 29 मार्च के फैसले पर पूरी तरह से रोक लगाने से इंकार कर दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस निर्देश पर रोक लगा दी है, जिसमें मामले में अनुसंधान करने वाले एटीएस के अफसरों के खिलाफ डीजीपी को कार्रवाई करने के लिए कहा गया था। वहीं अदालत ने राज्य सरकार को मामले में दोषमुक्त किए आरोपी मोहम्मद सैफ व सैफुर्रहमान के नोटिस की तामील कराने के लिए कहा है। जस्टिस अभय एस ओका व राजेश बिंदल की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार की एसएलपी को सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए दिए। अदालत ने निचली कोर्ट से मामले का रिकॉर्ड पेश करने के लिए कहा है और यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार को दी है। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह मामला डेथ रेफरेंस से जुडा है, इसलिए इसे सुप्रीम कोर्ट के सीजे के समक्ष भिजवाया जाए। ताकि आगामी सुनवाई 9 अगस्त को इसकी सुनवाई के लिए तीन जजों की बेंच बनाई जा सके। पिछली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर बम ब्लास्ट में मारे गए व्यक्ति की पत्नी राजेश्वरी देवी व अन्य की एसएलपी को सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए राज्य सरकार की एसएलपी को भी उसके साथ ही सूचीबद्ध कर दिया था।

एसएलपी में हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी हैै, जिसमें सैफुर उर्फ सैफुर्रहमान, मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ व मोहम्मद सलमान की फांसी की सजा रद्द कर उन्हें दोषमुक्त कर दिया था। वहीं एक अन्य आरोपी शाहबाज हुसैन को विशेष कोर्ट की ओर से दोषमुक्त करने के फैसले की पुष्टि की थी। इस मामले में आरोपी मोहम्मद सलमान, सरवर आजमी व शाहबाज हुसैन की ओर से पहले ही कैविएट दायर की गई थी और ऐसे में उन्हें नोटिस की तामील हो चुकी है।

सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों पर लगाई शर्तें- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि आरोपी किसी अन्य मामले में वांछित या अंडर ट्रायल नहीं हैं तो जमानत बांड की सख्ती से पालना करवाई जाए। सभी दोषमुक्त हुए आरोपी अपना पासपोर्ट राज्य सरकार के समक्ष सरेंडर करें। आरोपियों को जमानत मिलने पर वे प्रतिदिन सुबह दस बजे से दोपहर बारह बजे के दौरान एटीएस में अपनी हाजिरी दें। इसके अलावा वे कोर्ट की मंजूरी के बिना देश छोडकर नहीं जाए। गौरतलब है कि घटना के दौरान जिंदा मिले बम को लेकर शाहबाज हुसैन के अलावा अन्य आरोपी फिलहाल जेल में बंद हैं।

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