उदयपुर, 23 अप्रैल(ब्यूरो)। अब झुकी हुई इमारतों को बिना गिराए सीधा किया जा सकता है। इसे प्रमाणित किया है हरियाणा की एक कंपनी ने, जिसने उदयपुर में छह इंच तक झुकी एक होटल को जैक के जरिए सीधा कर दिया। इस काम में होटल को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा।
उदयपुर की मार्श होटल को कुरुक्षेत्र हरियाणा की एआरवीआर कंपनी ने जैस के जरिए सीधा करने का काम किया। पांच मंजिला इस होटल को सीधा करते समय ना तो होटल के अंदर सामान्य दिनों की तरह काम होता रहा। सौ से अधिक जैक लगाकर इस होटल को सीधा कर फिर से नींव भी भर दी गई।
बताया कि अब पक्के मकान को शिफ्ट किया जा सकता है
झुकी होटल को सीधा करने का काम करने वाले मजदूरों में उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा के युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा थी। उन्होंने बताया कि नई तकनीक के अनुसार अब पक्के मकान भले ही वह चार से पांच मंजिले क्यों ना हो, उन्हें भी शिफ्ट किया जा सकता है। वह अब तक पचास हजार से अधिक मकानों को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट कर चुके हैं। बताते है कि जम्मू कश्मीर से लेकर केरल तक उन्होंने काम किया, लेकिन केरल में सबसे अधिक मकान शिफ्ट किए। उसका कारण वह बताते हैं कि वहां बारिश और बाढ़ के चलते मिट्टी खिसकने से मकानों की शिफ्टिंग का सबसे अधिक मिलता है। उदयपुर की होटल को सीधा करने से पहले उन्होंने दिल्ली में पांच मंजिला एक मकान को सीधा किया। उसके बाद डाल्टनगंज में मकान को सीधा करने के बाद उदयपुर आए। जोधपुर में एक भवन विकास कार्य के दौरान सड़क पर आ रहा था। उसे 15 फीट शिफ्ट किया गया। इसी प्रकार कोटपुतली में 35 फीट तक भवन को शिफ्ट किया गया। इसके साथ ही ऐतिहासिक मंदिरों तक को एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जा सकता है।
पंद्रह दिन में सीधी कर दी होटल
कंपनी के अरुण सिसोदिया बताते हैं कि जैक के जरिए होटल या किसी भवन को सीधा करने या शिफ्टिंग करने में भवन को तोड़कर नया बनाने की लागत का 25 से 30 प्रतिशत ही खर्च आता है। उदयपुर की 15 गुणा 35 फीट पर बनी होटल को सीधा करने के लिए नीचे से खोदने के साथ ही चैनल फिट करके सभी को वेल्डिंग से जोड़ा गया। इनके नीचे प्रत्येक फीट पर एक-एक करीब 80 जेक लगाए गए। प्रतिदिन मिलीमीटर के अनुसार इसे ऊंचा करके सीधा किया गया। इस कार्य में करीब 15 दिन लगे।
12 फीट ऊंचा हो सकता है भवन
सिसाेदिया ने बताया कि भवन को 12 फीट तक ऊंचा उठाया जा सकता है। हनुमानगढ़ के पीलीबंगा में ऐसा ही किया गया था। कई जगह सड़क ऊंची होने पर भी मकान को ऊंचा उठाया गया है।