इंडियन नेवी ने INS कृपाण को 32 साल की सेवा के बाद विदाई देकर वियतनाम को गिफ्ट कर दिया। शनिवार को वियतनाम में हुई एक सेरेमनी में नेवी चीफ एडमिरल आर हरि कुमार ने INS कृपाण को वियतनाम पीपल्स नेवी के चीफ ऑफ स्टाफ रियर एडमिरल फाम मान हंग को सौंपा। इससे वियतनाम की साउथ चाइना सी में ताकत भी बढ़ेगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 19 जून 2023 को INS कृपाण वियतनाम को उपहार में देने की घोषणा की थी। INS कृपाण अपनी अंतिम यात्रा में भारत से वियतनाम के लिए 28 जून 2023 को रवाना हुआ था और 8 जुलाई 2023 को वियतनाम के कैम रॉन पहुंचा था।
यह पहली बार है कि भारत ने किसी मित्र देश को पूरी तरह से ऑपरेशनल जंगी जहाज सौंपा है।
साउथ चाइना सी में चीन अग्रेसिव रवैया दिखा रहा
साउथ चाइना सी (दक्षिण चीन सागर) में चीन लगातार अग्रेसिव रवैया दिखा रहा है। वो दूसरे देशों के लिए परेशानी बन रहा है। चीन और वियतनाम के बीच भी बॉर्डर को लेकर विवाद है। वियतनाम की उत्तरी सीमा चीन से लगती है।
भारत, अमेरिका और मित्र देश मिलकर लगातार फ्री नेविगेशन की वकालत करते रहे हैं। वियतनाम की स्थिति साउथ चाइना सी में मजबूत होने से चीन को काउंटर करने में मदद मिलेगी। भारत और वियतनाम के संबंध काफी अच्छे रहे हैं। 1979 के चीन-वियतनाम युद्ध में भी भारत ने वियतनाम की मदद की थी।
1991 में नेवी में शामिल किया गया था
INS कृपाण को 12 जनवरी 1991 को इंडियन नेवी में शामिल किया गया था। यह एक खुखरी क्लास कॉर्वेट है। यह नेवी के ईस्टर्न फ्लीट का अहम हिस्सा रहा। यह जंगी जहाज 90 मीटर लंबा है और 10.45 मीटर चौड़ा है। इसका वजन 1450 टन है। इसमें मीडियम रेंज की गन लगी हैं और साथ ही यह मिसाइल और दूसरे वेपन से भी लैस है।
इंडियन नेवी ने वियतनाम नेवी को हथियारों के साथ INS कृपाण गिफ्ट में दिया है। इंडियन ओशन रीजन में वियतनाम भारत का प्रिफर्ड सिक्योरिटी पार्टनर है। वियतनाम नेवी को मजबूती मिलने से इंडियन ओशन रीजन में भी चीन की हरकतों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।