रेंट से होने वाली इनकम पर TDS छूट दोगुनी : रेंट से होने वाली इनकम पर TDS की सीमा 2.4 लाख से बढ़ाकर 6 लाख की गई है। यानी अब 6 लाख रुपए तक के सालाना किराए पर TDS नहीं काटा जाएगा।
वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से आय पर दोगुनी छूट : वरिष्ठ नागरिकों को बैंक और पोस्ट ऑफिस के ब्याज से होने वाली कमाई पर मिलने वाली टैक्स छूट को 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपए किया गया है। यानी अब ब्याज की इनकम पर वरिष्ठ नागरिकों को 1 लाख रुपए तक की राहत मिलेगी।
पिछले 4 साल के रिटर्न फाइल कर सकेंगे : पुराने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की सीमा 2 साल से बढ़ाकर 4 साल की गई है। यानी यदि किसी करदाता ने अपना रिटर्न गलत फाइल किया हो या फाइल करना रह गया हो तो वह अब इस गलती को 4 साल के अंदर अपडेटेड रिटर्न फाइल करके ठीक कर सकेंगे।
दो घर पर मिलेगा सेल्फ ऑक्यूपाइड हाउस का फायदा : बजट में सेल्फ ऑक्यूपाइड हाउस पर टैक्स राहत दी गई है। इसका मतलब यह है कि अगर आपके पास दो घर हैं और आप दोनों घरों में रहते हैं, तो अब आप दोनों संपत्तियों पर टैक्स का फायदा ले सकेंगे। जबकि पहले टैक्स राहत सिर्फ एक सेल्फ ऑक्यूपाइड हाउस में ही मिलती थी।
अगले हफ्ते आएगा नया इनकम टैक्स बिल : सरकार अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल लाएगी। इससे टैक्स सिस्टम को ज्यादा आसान और पारदर्शी बनाया जाएगा। इसका मकसद टैक्सपेयर्स को बेवजह नोटिस और परेशानियों से बचाना है। इसके साथ ही KYC प्रक्रिया भी आसान की जाएगी, जिससे बैंक और अन्य वित्तीय कामों में कम कागजी झंझट होगा।
पैन नंबर न होने पर टैक्स ज्यादा लगेगा: टीडीएस और टीसीएस का उपयोग आमतौर पर सामान बेचने के दौरान किया जाता था। इससे कस्टमर और दुकानदार दोनों को कई तरह की परेशानी होती थी। वित्तमंत्री ने इससे टीसीएस हटाने का ऐलान किया है। ये भी कहा है कि ऊंची दरों पर टीडीएस उन्हीं मामलों में लगाया जाएगा जिनका पैन नंबर नहीं होगा।
पढ़ाई के लिए 10 लाख रुपए तक विदेश भेजने पर टैक्स नहीं: विदेश में पढ़ाई के लिए पैसा भेजने पर टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (TCS) की लिमिट अब 10 लाख रुपए कर दी गई है। अभी कोई व्यक्ति विदेश में पैसे भेजता है। यह रकम 7 लाख रुपए से अधिक होती है, तो उस पर TCS लगता है। हालांकि ये छूट आपको तभी मिलेगी जब ये पैसा किसी फाइनेंशियल आर्गनाइजेशन जैसे बैंक आदि से लोन लिया गया हो।
NSS से पैसा निकालने पर छूट : कई सीनियर सिटीजन्स के पास बहुत पुराने नेशनल सेविंग्स स्कीम (NSS) खाते हैं, जिन पर कोई ब्याज नहीं दिया जा रहा है। वित्त मंत्री ने ऐलान किया है कि जो लोग 29 अगस्त 2024 या उसके बाद NSS से पैसा निकालेंगे उन्हें निकासी पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। यही नियम NPS (नेशनल पेंशन स्कीम) वात्सल्य खातों पर भी लागू होगा, लेकिन इसकी छूट की एक लिमिट होगी।
अब पुरानी टैक्स रिजीम को समझें
पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर अभी भी आपकी 2.5 लाख रुपए तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत आपको 5 लाख तक की इनकम पर जीरो टैक्स देना होगा।
पुरानी और नई टैक्स रिजीम से जुड़े 3 सवाल…
सवाल 1: पुरानी और नई टैक्स रिजीम में क्या अंतर है?
जवाब: नए टैक्स रिजीम में टैक्स फ्री इनकम का दायरा 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 4 लाख रुपए कर दिया गया, लेकिन इसमें टैक्स डिडक्शन नहीं मिलते हैं। वहीं, अगर आप पुराना टैक्स स्लैब चुनते हैं तो आप कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं।
सवाल 2: पुरानी टैक्स रिजीम में किस तरह की छूट मिलती है?
जवाब: अगर आप EPF, PPF और इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम में निवेश करते हैं। तो आपकी कुल टैक्सेबल इनकम में से ये इनकम कम हो जाएगी। वहीं, मेडिकल पॉलिसी पर किए गए खर्च, होम लोन पर चुकाए गए ब्याज और नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश किए गए रुपए भी आपकी टैक्सेबल इनकम से घट जाते हैं।
सवाल 3: पुरानी टैक्स रिजीम किन लोगों के लिए बेहतर है?
जवाब: अगर आप निवेश और टैक्स छूट का फायदा लेना चाहते हैं, तो पुरानी टैक्स रिजीम आपके लिए बेहतर हो सकती है। वहीं अगर आप कम टैक्स रेट और टैक्स डिडक्शन के झंझटों से बचना चाहते हैं तो नई टैक्स रिजीम आपके लिए सही हो सकती है।