पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तारी के दो दिन बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने रिहा कर दिया है। चीफ जस्टिस की अगुआई वाली तीन जजों की बेंच ने गुरुवार को खान की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) से कहा- इमरान को रिहा करें।
चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने सुनवाई के दौरान कहा- सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट या किसी भी अदालत से किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। आप अदालत की तौहीन नहीं कर सकते।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीफ जस्टिस ने इमरान से हालचाल पूछा। इस पर खान ने कहा- मुझे गिरफ्तार नहीं, अगवा किया गया था। कस्टडी में मारपीट की गई। चीफ जस्टिस ने कहा- हम आपको रिहा करने का हुक्म दे रहे हैं। लेकिन आपकी गिरफ्तारी के बाद मुल्क में जो हिंसा हुई, आपको उसकी निंदा करनी होगी।
रिहाई के बाद इमरान ने कहा- मेरी गिरफ्तारी ऐसे की गई, जैसे मैं कोई आतंकी हूं। क्रिमिनल जैसा सलूक किया गया। डंडों से पीटा गया। 145 से ज्यादा फर्जी केस डाल दिए गए। मेरी गिरफ्तारी के बाद देश में क्या हुआ, मुझे नहीं पता। मैं नहीं चाहता कि देश में हालात खराब हों।
गिरफ्तारी और रिहाई का ड्रामा ऐसे चला
इमरान को मंगलवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बायोमैट्रिक रूम से नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) के वारंट पर पैरामिलिट्री फोर्स ने गिरफ्तार किया था। हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को कानूनन सही ठहराते हुए NAB को 8 दिन के फिजिकल रिमांड पर सौंप दिया।
खान की गिरफ्तारी अल कादिर ट्रस्ट स्कैम में की गई थी। सरकार का आरोप है कि यह 60 अरब पाकिस्तानी रुपए का घोटाला है। इनमें से 40 अरब तो ब्रिटेन सरकार ने पाकिस्तान को दिए थे। इमरान तब प्रधानमंत्री थे, उन्होंने कैबिनेट से भी इस मामले को छिपा लिया था।
बुधवार शाम खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने सुप्रीम में गिरफ्तारी के खिलाफ पिटीशन दायर की। चीफ जस्टिस ने एक घंटे में खान को पेश करने का हुक्म दिया। जब वो पेश हुए तो 7 मिनट में रिहाई का आदेश दिया।
सरकार बोली- लाडले की गिरफ्तारी से परेशान है सुप्रीम कोर्ट
दूसरी तरफ, सरकार की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने कहा- लाडले की गिरफ्तारी से इंसाफ देने वाले परेशान हैं। चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान जस्टिस उमर अता बांदियाल को इस्तीफा देना चाहिए।
औरंगजेब ने कहा- सुप्रीम कोर्ट एक दहशतगर्द को शह दे रहा है। इमरान की गिरफ्तारी के बाद एक साजिश के तहत हिंसा फैलाई गई। फौज पर हमले किए गए। इस्लामाबाद हाईकोर्ट गिरफ्तारी को सही ठहराया था।
मरियम ने आगे कहा- आपके लाडले ने जितना नुकसान एक दिन में किया है। उतना तो भारत 75 साल में नहीं कर सका। सुप्रीम कोर्ट ने इमरान के 60 अरब रुपए के घोटाले पर सवाल क्यों नहीं किए। इस आदमी की वजह से दो दिन में पूरा मुल्क जल गया। इसके पहले उसने पुलिस और रेंजर्स पर हमले कराए। सुप्रीम कोर्ट तब क्यों चुप रहा।
क्या है अल-कादिर ट्रस्ट केस
सरकार के मुताबिक खान जब प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने लैंड माफिया मलिक रियाज को मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाया। लंदन में उसके 40 अरब जब्त कराए। बाद में ये पैसा ब्रिटेन सरकार ने पाकिस्तान को सौंप दिया। इमरान ने यह जानकारी कैबिनेट को भी नहीं दी।
इसके बाद इमरान ने अल कादिर ट्रस्ट बनाया। इसने मजहबी तालीम देने के लिए अल कादिर यूनिवर्सिटी बनाई। इसके लिए अरबों रुपए की जमीन मलिक रियाज ने दी। बुशरा बीबी को डायमंड रिंग भी गिफ्ट की। बदले में रियाज के तमाम केस खत्म कर दिए गए। उसे करोड़ों रुपए के सरकारी ठेके भी मिले।
होम मिनिस्टर राणा सनाउल्लाह ने कहा- 60 अरब रुपए की चपत सरकारी खजाने को लगी। 13 महीने में एक बार भी इमरान या बुशरा पूछताछ के लिए नहीं आए। 4 साल बाद भी इस यूनिवर्सिटी में 32 स्टूडेंट्स ही हैं।