टोंक । पुलिस थाना पुरानी टोंक में हनी ट्रैप के एक मामले में पति-पत्नी को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 1 लाख 30 हजार रुपये सहित एक मोटरसाईकिल को जप्त किया गया है। पुलिस अधीक्षक राजर्षि राज ने पुलिस लाईन सभागार में पत्रकारों को बताया कि 15 अगस्त को मालपुरा निवासी एक व्यक्ति ने थाना पुरानी टोंक में एक रिपोर्ट इस बाबत दी की 3 अगस्त को एक महिला संजना रेगर उसकी दुकान पर सामान खरीदने आई थी, सामान खरीद कर पैसे नहीं होना कहा व फोन पे के द्वारा पैसे देने का कहते हुए उसका मोबाईल नंबर ले लिया, उसी दिन से संजना रेगर व उसका पति खुशी राम प्रजापत लगातार परिवादी से मोबाईल पर बातें करने लगे व झांसे में लेकर 6 अगस्त को उसे टोंक बुला लिया जहां संजना रेगर ने परिवादी को महावर नगर छावनी चौक स्थित किराए के कमरे पर ले गई व बातों में फंसा कर उसे अर्धनग्न कर दिया, इतने में उसका पति अचानक कमरे में आकर उसका वीडिय़ो बना लिया एवं बलात्कार के झंूठे मुकदमे में फंसाने व पुलिस को बुलाने की धमकी देते हुए 2 लाख रुपय की मांग करने लगा, इस पर बदनामी के डर से उसने 1 लाख 70 हजार रुपये देकर अपने घर चला गया, उसके बाद भी दोनों बराबर कॉल कर ब्लैकमेल कर 50 हजार रू. की और मांग कर रहे है। दी गई रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर त्वरित कार्यवाही आरंभ की गई। मामले की गंभीरता को मध्य रखते हुए अति. पुलिस अधीक्षक टोंक आदर्श चौधरी, वृत्ताधिकारी टोंक सलेह मोहम्मद के निर्देशन में थानाधिकारी पुरानी टोंक ओमप्रकाश के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया, जिसमें हैड कानि. प्रहलाद राय, कानि. हरिशंकर, राजेश, लोकेश, महेंद्र, सियाराम, राजेश, महिला कानि सुनीता एवं श्रीमती उगन्ता को शामिल किया गया। पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 1 घंटे के भीतर ब्लैकमेलर पत्नि संजना रेगर (20) व पति खुशी राम प्रजापत (22) पुत्र नाथूलाल निवासी मेहंदवास को पीडि़त से 50 हजार रू. लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने आरोपी से ब्लैकमेल के पैसों से खरीदी गई एक मोटरसाईकिल व 1 लाख 30 हजार रू. जप्त किये है।
अखबार पढक़र बनाई योजना:-
आरोपीगण संजना रेगर व खुशी राम प्रजापत दोनों एक दूसरे से प्रेम करते थे, नाबालिग संजना को भगाने के आरोप में खुशीराम 3 साल जेल में ही रहा है, जो 3 महीने पहले ही जेल से जमानत पर रिहा होकर आया था, तब दोनों ने शादी कर ली तथा दोनों ने अखबार में ह्ननी ट्रेप की खबर पढक़र लोगों को झूंठे बलात्कार के मामलों में फंसाने का झांसा देकर रुपए देने की योजना बनाई, जिससे घर की आर्थिक तंगी दूर हो सके। आरोपी खुशी राम प्रजापत के विरूद्व चोरी, नकबजनी के पहले भी कई मामले विभिन्न थानों मामले में दर्ज है। आरोपियों को डिटने करने में हैड कांनि प्रहलाद राय, कांनि हरिशंकर, राजेश, लोकेश, उगन्ता की विशेष भूमिका रही।