जयपुर, 11 अप्रैल। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और होमगार्ड डीजी को कहा है कि वह होमगार्ड को सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार वर्ष 2015 से बेसिक पे, ग्रेड पे, डीए और वाशिंग भत्ते का लाभ दे। अदालत ने राज्य सरकार को आदेश की पालना के लिए तीन माह का समय दिया है। जस्टिस अनूप ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश होमगार्ड समन्वय समिति, जिला जयपुर की याचिका पर दिए।
याचिका में अधिवक्ता जगमोहन सक्सेना ने अदालत को बताया कि प्रदेश में होमगार्ड को सिपाही से समान वेतन भत्ते नहीं दिए जा रहे हैं। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने भी दिशा-निर्देश जारी कर रखे हैं। ऐसे मे सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में होमगार्ड को सिपाही के बराबर वेतन भत्ते दिलाए जाए। इस पर अदालत ने राज्य के प्रमुख गृह सचिव व डीजी होमगार्ड को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार बेसिक पे सहित अन्य परिलाभ देने का निर्देश दिया है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने गृह रक्षक होमगार्ड बनाम यूपी राज्य और तेज सिंह व अन्य के मामले में होमगार्ड के वेतन भत्तों को लेकर निर्देश दिए थे। इसमें स्पष्ट किया था कि होमगार्ड को मासिक आधार पर भुगतान नहीं किया जाएगा बल्कि उनके वेतन की गणना दैनिक कार्य के आधार पर की जाएगी।
नई भर्ती को दी जा चुकी है चुनौती- गौरतलब है कि राज्य सरकार ने गत नौ जनवरी को होमगार्ड के तीन हजार 842 पदों पर भर्ती निकाली थी। इसके खिलाफ होमगार्ड समन्वय समिति ने याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि जब मौजूदा होमगार्ड को ही नियोजन में नहीं रखा जा रहा तो नई भर्ती क्यों निकाली जा रही है। इस पर अदालत ने राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए नई भर्ती मे चयनित अभ्यर्थियों को नियोजित नहीं करने के आदेश दिए थे।
2023-04-11