पानी के मीटर को हाईटेक करने की कयावद फिर ठंडे बस्ते में -घरों में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना फेल

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-कंपनियों को टेंडर के स्पेसिफिकेशन ही समझ में नहीं आए

जयपुर, 3 जून (भारत पारीक): जलदाय विभाग में एक बार फि र से पेयजल मीटर को हाईटेक करने की तैयारी धरी रह गई है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत जयपुर से इसकी शुरुआत होने जा रही थी। लेकिन करीब दो साल बाद भी इसमें कोई उत्तरोत्तर प्रगति नहीं हुई है। इससे पहले भी विभाग ने कई जगह स्मार्ट मीटर लगाकर सिस्टम को हाईटेक करने की कोशिश की थी, लेकिन इसमें जलदाय विभाग पूरी तरह से फिसड्डी साबित हुआ है।
हालांकि प्रदेश को पानी पिलाने वाला जलदाय विभाग स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी में जुट गया था। राजधानी जयपुर के जवाहर नगर से इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत किए जाने की खबरें सामने आ रही थी। स्मार्ट मीटर में खास बात ये रहेगी कि सेंसर के जरिए मीटरों की रीडिंग पता चल सकेगी। उपभोक्ता रोजाना मोबाइल एप पर ये देख सकेगा कि आज कितना पानी खर्च हुआ। इसके साथ-साथ उपभोक्ताओं की ये भी शिकायतें दूर हो सकेंगी कि कहीं मीटर में पानी की जगह हवा तो नहीं आ रही। जिस कारण पानी का बिल ज्यादा आ रहा है। वहीं पानी की चोरी भी इस सिस्टम से रुक सकेगी।
5 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट लगने थे 6 हजार मीटर
5 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में सबसे पहले 6 हजार स्मार्ट मीटर लगाए जाने का प्रस्ताव बनाया था। इसकी शुरुआत जवाहर नगर खंड से होनी थी। यदि प्रोजेक्ट सफल रहता तो पूरे प्रदेश में इसे लागू किया जाता। तत्कालीन जलदाय मंत्री बीडी कल्ला ने विधानसभा में बजट में इसकी घोषणा भी की थी कि सबसे पहले उन घरों में मीटर बदले जाएंगे, जहां पुराने मीटर खराब पड़े हैं।

टेंडर प्रक्रिया दो बार करनी पड़ी रद्द
जलदाय विभाग ने टेंडर की प्रक्रिया को शुरू कर दिया था। ऑनलाइन टेंडर भी जारी कर दिए गए थे। लेकिन बताया जाता है कि कंपनियों को टेंडर की स्पेसिफकेशन की समझ में नहीं आई। लिहाजा दो बार टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई और दोनों ही बार उसको रद्द करनी पड़ी। पीएचईडी विभाग ने इससे पहले भी विभाग को हाईटेक करने की कोशिश की थी जिसमें जलदाय विभाग फेल साबित हुआ था। इस बार भी लगता नहीं है कि सरकार के इस कार्यकाल में यह प्रोजेक्ट पूरा हो पाएगा।

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