जयपुर, 30 अक्टूबर। राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में जातिगत सर्वे कराने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ दायर जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया है। सीजे एजी मसीह और जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश पूर्व न्यायिक अधिकारी शिवचरण गुप्ता की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए। अदालत ने कहा कि जनहित याचिका में उठाए गए बिंदु सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। ऐसे में हाईकोर्ट में फिलहाल इस पीआईएल पर सुनवाई कर कोई अर्थ नहीं है।
जनहित याचिका में में कहा था कि राज्य सरकार ने पिछले दिनों ही राज्य में जातिगत सर्वे कराए जाने का फैसला लिया है, लेकिन राज्य सरकार इस फैसले के आधार पर सर्वे नहीं कर रही बल्कि जातिगत जनगणना करवाना चाह रही है। जबकि इसका अधिकार केन्द्र सरकार को ही है और यह संविधान की मूल आत्मा के भी खिलाफ है। जातिगत सर्वे के बाद इसके परिणाम जारी होने पर समाज के बीच में मतभेद व दूरियां पैदा होंगी। मौजूदा राज्य सरकार आगामी विधानसभा चुनाव में जाति विशेष से चुनावी फायदा लेने के लिए जातिगत सर्वे करा रही है। ऐसे में राज्य सरकार के जातिगत सर्वे कराए जाने के फैसले पर अंतरिम रोक लगाई जाए। गौरतलब है कि कैबिनेट ने प्रदेश में जातिगत सर्वेक्षण कराने का फैसला लिया था। इसके बाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने इसका आदेश जारी किया था। वहीं आयोजना विभाग को नोडल एजेन्सी की जिम्मेदारी दी है।
2023-10-30