चुनावी ड्यूटी में मौत पर क्षतिपूर्ति मुआवजा नहीं देने पर नोटिस

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पीटीआई की चुनाव ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से मौत का मामला: हाईकोर्ट ने छह सप्ताह में मांगा जवाब

जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश कुलदीप माथुर ने चुनावी ड्यूटी में एक कार्मिक की मौत पर क्षतिपूर्ति मुआवजा नहीं देने पर पेश याचिका की सुनवाई करते हुए राजस्थान सरकार व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

याचिकाकर्ता अमृता कंवर के अधिवक्ता प्रवीण दयाल दवे व रूचि परिहार ने राजस्थान उच्च न्यायालय के समक्ष एकलपीठ याचिका प्रस्तुत कर बताया कि याचिकाकर्ता के पति राजेन्द्र सिंह शारीरिक शिक्षक (पीटीआई) के पद पर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जुझंडा पंचायत समिति मुण्डवा जिला नागौर में कार्यरत थे। उनकी लोकसभा चुनाव में ड्यूटी चुनाव स्टोर में लगा दी गई। ड्यूटी के दौरान उनके द्वारा कोई अवकाश नहीं लिया गया। इसी दरम्यान सीने में दर्द होने पर उन्हें राजकीय चिकित्सालय मुण्डवा ले जाया गया जहां सुधार नहीं होने पर चिकित्सकों ने नागौर रेफर किया। नागौर ले जाते समय रास्ते में ही उनका निधन हो गया। जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष नियमानुसार एक्सग्रेसिया ग्रान्ट प्राप्त करने के लिए अभ्यावेदन प्रस्तुत किया तथा राज्य सरकार व अन्य के समक्ष भी अभ्यावेदन प्रस्तुत किए। इसके पश्चात जिला निर्वाचन अधिकारी नागौर द्वारा याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन को खारिज करते हुए यह कहा गया कि राजेन्द्र सिंह की मृत्यु निर्वाचन ड्यूटी के दौरान हुई मृत्यु की परिभाषा में नहीं आती है। साथ ही प्रार्थना पत्र खारिज करते हुए उन्हें एक्सग्रेसिया ग्रान्ट राशि प्रदान करने के योग्य नहीं माना। इसके पश्चात विधिक नोटिस भिजवाए जाने पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने पर याचिकाकर्ता द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय के समक्ष कार्मिक की निर्वाचन ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर मिलने वाली क्षतिपूर्ति राशि एक्सग्रेसिया ग्रान्ट प्राप्त करने के लिए एसबी सिविल रिट याचिका प्रस्तुत की। इस याचिका पर न्यायाधीश ने सुनवाई करते हुए मुख्य सचिव राजस्व विभाग, मुख्य सचिव सैकेण्डरी एज्युकेशन, मुख्य चुनाव अधिकारी, जिला कलेक्टर नागौर, शिक्षा अधिकारी नागौर एवं प्रधानाचार्य को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर जवाब तलब किए है।

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