टाउन हॉल और होमगार्ड कार्यालय परिसर के कब्जे को लेकर फैसला सुरक्षित

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जयपुर, 5 सितंबर। राजस्थान हाईकोर्ट ने शहर के टाउन हॉल और होमगार्ड कार्यालय परिसर के कब्जे को लेकर पूर्व राजपरिवार की ओर से दायर अपील याचिकाओं पर दोनों पक्षों की बहस सुनकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस नरेन्द्र सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश पूर्व राजपरिवार की सदस्य पद्मिनी देवी व अन्य की दो अपील याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए है। अदालत ने गत 7 अगस्त को आदेश जारी कर दोनों परिसर को लेकर यथास्थिति के आदेश दे रखे हैं।
अपील में कहा गया कि टाउन हॉल व जलेब चौक परिसर स्थित लेखाकार कार्यालय को कोवेनेंट में निजी संपत्ति माना गया था और सरकार को उसके उपयोग के लिए लाइसेंस पर दिया गया था। इसके अनुसार जब तक सरकार इस संपत्ति को उपयोग में लेगी, तब तक वह ही इसका रखरखाव करेगी। हाईकोर्ट भी वर्ष 2008 में इसकी पुष्टि कर चुका है। अब टाउन हॉल का विधानसभा के लिए उपयोग होने के बाद सरकार यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का म्यूजियम बनाना चाहती है। इसी तरह लेखाकार कार्यालय को दी गई संपत्ति का होमगार्ड कार्यालय के लिए उपयोग हो रहा था, लेकिन अब इसकी जरूरत नहीं रही है। जिस उद्देश्य के लिए संपत्ति दी गई थी, वह पूरा होने के कारण अब इसे वापस दिया जाए। इस मामले में एडीजे कोर्ट में दावा पेश किया था, लेकिन कोर्ट ने अस्थाई निषेधाज्ञा को खारिज कर दिया। वहीं सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश महर्षि ने कहा कि कोवेनेंट में संपत्ति सरकार को देने के बारे में लिखा गया है। सरकार को यह संपत्ति कोवेनेंट से मिली है ना की लाइसेंस के जरिए। वहीं कोवेनेंट को किसी भी कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती। जिस दिन कोवेनेंट लिखा गया था, उस समय यहां विधानसभा अस्तित्व में ही नहीं थी। ऐसे में सरकार इन परिसरों का कोई भी उपयोग करने के लिए स्वतंत्र हैं। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अपीलों पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।

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