हनुमानगढ़, 4 दिसंबर : हनुमानगढ़ से चुनाव जीते निर्दलीय उम्मीदवार गणेश बंसल को बड़ी संख्या में वैश्य समाज के वोट मिले हैं। हनुमानगढ़ की राजनीति में लंबे समय बाद यानी बृज प्रकाश गोयल के बाद गणेश बंसल दूसरे गैर जाट व्यक्ति हैं जिन्हें शहरी क्षेत्र की जनता का अपार प्रेम मिला है। पांच दशक में गैर जाट विधायक बनने का रिकार्ड भी गणेश राज बंसल के नाम हो गया है। सन 1957 में कांग्रेस के बृजप्रकाश गोयल पहली बार गैर जाट विधायक बने थे। उसके बाद किसी को यह मौका नहीं मिला। गणेश बंसल की जीत को मोटे तौर पर देखें तो आमजन में बदलाव की इच्छा ही नजर आती हैं। मगर गहराई से विश्लेषण करें तो पाएंगे कि बकायदा इसके पीछे बिहार के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की तरह यहां भी एक शख्स पिछले चार साल से लगातार गणेश बंसल की स्ट्रेजी तैयार करने और उसे जमीनी स्तर पर लागू करवाने में जुटा हुआ था। गणेश बंसल की जीत में महत्वपूर्ण कारक सिद्ध हुए इस व्यक्ति का नाम है अमित माहेश्वरी। पेशे से वकील अमित माहेश्वरी जाट सीट की अवधारणा को हनुमानगढ़ की जनता के दिमाग से निकालने, हनुमानगढ़ में अग्रवाल और अरोड़वंश समाज में गणेश बंसल की स्वीकार्यता पैदा करने, उसके लिये वैश्य समाज संगठन को सक्रिय करने आदि की सटीक रणनीति बनाने का काम करता रहा। वैश्य समाज संगठन से जुड़ी जयपुर-दिल्ली की राजनीतिक शख्सियतों तक कैसे पहुंचा जाये, उनके माध्यम से राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं तक अपनी बात पहुंचाई जाए। इस सारी पटकथा का लेखक अमित महेश्वरी ही था। इतना ही नही, चुनाव से पहले टिकट के लिये विभिन्न दलों के नेताओं से मुलाकात, दोनों दलों के इनकार के बाद निर्दलीय चुनाव लडऩे की चाण्क्यनीति भी इसी शख्स ने तैयार की थी। पोस्टर-बैनर के मैटर से लेकर वोटर लिस्ट तैयार करने तक में अमित महेश्वरी की भूमिका रही। बहरहाल रणनीति यदि बेहतर हो तो बड़े से बड़े योद्धाओं को भी चुनावी मैदान में परास्त किया जा सकता है। यह रणनीतिकार अमित माहेश्वरी ने अपनी योग्यता से दिखा दिया है।
एचएमएच 1 हनुमानगढ़, नव निर्वाचित विधायक गणेश बंसल के साथ अमित माहेश्वरी।
2023-12-04