पायलट और उनके समर्थित मंत्री, विधायकों का हल्ला बोल

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-सीएम गहलोत-वसुंधरा पर गंभीर आरोप लगाकर आंदोलन की भरी हुंकार

-दर्जनों मंत्री, विधायक, चेयरमैन, पूर्व सांसद व कई नेताओं ने जनसभा में सरकार, यूडीएच व खनन मंत्री पर लगाए करप्शन के आरोप
जयपुर, 15 मई : करप्शन एवं पेपर लीक को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने निकाली जनसंघर्ष पदयात्रा का सोमवार को जयपुर में समापन हो गया। समापन अवसर पर पायलट से लेकर कांग्रेस के मंत्री, विधायक, चेयरमैन, पूर्व सांसद, पूर्व विधायकों, पूर्व मेयर ने सीएम अशोक गहलोत, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल एवं खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया पर जमकर बरसे और करप्शन के गंभीर आरोप लगाए। मंच पर पायलट सहित सभी नेताओं ने गहलोत सरकार पर हल्ला बोलते हुए मांगें पूरी नहीं होने तक आंदोलन की हुंकार भरी। दर्जनों की संख्या में मंत्री, विधायक, चेयरमैन, पूर्व विधायक, सांसद व अन्य नेताओं ने पायलट का हौंसला बढ़ाया और उनका हर कदम पर साथ देने का वादा किया। साथ ही कहा कि वह सरकार के आगे झुकेंगे नहीं और मैदान में डटे रहेंगे। पायलट जिन मुद्दों को लेकर सडक़ पर उतरे वह राजे सरकार के समय से कांग्रेस के थे। यदि इन मुद्दों को छोड़ देंगे तो फिर कांग्रेस सरकार रिपीट नहीं होगी। इस अवसर पर एक बार फिर सोनिया गांधी की बेइज्जती व 25 सितंबर की घटना का जिक्र कर कहा कि यदि कार्रवाई होगी तो पहले उन नेताओं पर होगी जिन्होंने सोनिया गांधी का आदेश नहीं माना। साथ ही उम्मीद जताई कि जल्द ही प्रदेश में नई टीम बनेगी और फिर नए जोश के साथ चुनाव मैदान में उतरेंगे।

विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए पायलट ने कहा कि 2013 में जब हमारी सरकार सत्ता से बाहर हुई थी उस समय हमारे विधायक 21 रह गए थे। उस समय मैं केंद्रीय मंत्री था। सोनिया व राहुल गांधी ने प्रदेशाध्यक्ष बनाकर राजस्थान में कांग्रेस को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी। हमने राजे सरकार के करप्शन, उनकी नीतियों का पांच साल जमकर विरोध कर उनकी बजरी माफिया, शराब माफिया, खनन माफिया, भू माफियाओं से सांठगांठ गहलोत, मैंने व कांग्रेसियों ने लगाए। साढ़े चार साल हो गए लेकिन उन मुद्दों का निदान नहीं कर पाए। डेढ़ साल से लगातार प्रयास, बातचीत, पत्र लिख रहा हूं, आग्रह किया, निवेदन किया कि जांच कराओ हमारी करनी-कथनी में अंतर नहीं होना चाहिए, दूध का दूध पानी का पानी हो जाए। नहीं सुनी तो 11 अप्रैल को एक दिन का अनशन किया। बावजूद कुछ नहीं हुआ तो फिर जनसंघर्ष पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच जाने का निर्णय लिया। नौजवानों का भविष्य अंधकार में है, तो सिर्फ करप्शन के कारण। जो धारणा बनी है, पांच साल में एक बार भाजपा एक बार कांग्रेस की उसे तोडऩा होगा। आरपीएससी, माध्यमिक परीक्षा का केंद्र है वहां के करप्शन को खत्म कर युवाओं का भविष्य उज्जवल बनाने के लिए अजमेर से यात्रा शुरू की। भाजपा के शासन में हुए करप्शन की जांच कराना, युवाओं का भविष्य खराब हो रहा उसे रोकना है। गर्मी, आंधी, पारा 43 के पार और सभा में आने से रोकने का भी प्रयास किया लेकिन आए यह जनता की जीत है। राजे के समय भी मेरी किसान यात्रा को रोकने की कोशिश की गई लेकिन यात्रा हुई और हमारी मांगे मानना पड़ी। हमारा संघर्ष किसी नेता, किसी के विरोध में नहीं लेकिन मैं कहना चाहता हूं, करप्शन के खिलाफ व युवाओं के भविष्य को लेकर हम रूकने वाले नहीं हैं। अपनी पार्टी के नेताओं को बदनाम करना और भाजपा के नेताओं का गुणगान करना कहां की राजनीति है, यह नहीं चलेगा। तेरा-मेरा करना, पक्षपात नहीं कर सकते, न्याय करना होगा, छह माह बाद चुनाव हैं, कार्रवाई नहीं करेंगे तो कैसे जनता हम पर विश्वास करेगी। मैं किसी के खिलाफ नहीं, मुझे गालियां दी चुन-चुनकर दी, भला-बुरा कहा गया, कुछ भी करो लेकिन हम झुकेंगे नहीं।

कटारा कैसे सदस्य बने, यह जांच हो
पायलट ने कहा कि कभी पेपर लीक तो कभी परीक्षा रद्द, बार-बार क्यों, जड़ तक जाना होगा। पेपर लीक के आरोपी के किराये के मकान पर बुलडोजर चलता है, तो सदस्य कटारा के मकान पर क्यों नहीं चला। पेपर तिजोरी से निकलकर बाहर कैसे निकलता है, कहा गया कोई अधिकारी शामिल नहीं, जांच हुई नहीं और अधिकारियों का पक्ष क्यों लिया गया। बाद में कटारा गिरफ्तार हुए, किसके कहने पर कटारा सदस्य बने यह पता करना होगा। किसने की सिफारिश यह बताना होगा।
अब पीछे नहीं हटने वाला, हर कुर्बानी देने को तैयार
पायलट ने कहा कि 20 साल से राजनीति में हूं, कई पदों पर रहा, पार्टी मेरे काम के तरीके को जानती है। प्यार से मांगोंगे तो हाथ काट कर देंगे, धमकाकर लोगे तो छोड़ेंगे नहीं। युवाओं के पैरों के छालों की कसम, मैं अब पीछे नहीं हटने वाला, जो भी कुर्बानी देनी होगी, मैं देने को तैयार हूं। कोई दूध और नींबू की सफाई दे रहा, कोई कह रहा दस बार बात नहीं हुई। मैंने तो कहा ही नहीं कि मिलीभगत है, मैं तो चाहता हूं जो कहा वह कर दो।
हम कहीं नहीं जाएंगे छाती पर ही मूंग दलेंगेे : भाकर
विधायक मुकेश भाकर ने कहा जो मुद्दे उठा रहे हैं, यदि वह गलत हैं, तो सीएम प्रेस कांफ्रेंस करके बयान दें कि यह झूठे व गलत मुद्दे हैं। यदि गलत थे तो फिर राजे सरकार के समय सीएम क्यों इन मुद्दों को उठा रहे थे। पेपर लीक करने वाले अधिकारियों को बचाया जा रहा है, हम बेनकाब करेंगे। आज पायलट यह मुद्दे नहीं उठाएंगे तो जनता को क्या जवाब देंगे। आंदोलन जरूरी है और सभी सुन लें कि हम कहीं नहीं जाने वाले पार्टी में रहकर ही छाती पर मूंग दलेंगे।
बात हुई, नई टीम जल्द बनेगी

विधायक व चेयरमैन खिलाड़ीलाल बैरवा ने कहा कि कर्नाटक में करप्शन के मुद्दे पर हमारी सरकार बनी और राजस्थान में भी हम राजे की जांच कराकर सच्चाई सभी के सामने लाकर यहां पर भी सरकार बनाएंगे। यह व्यक्तिगत रैली है लेकिन इसका फायदा कांग्रेस को होगा। हमारी प्रदेश प्रभारी, सहप्रभारी से बातचीत हुई, उनका कहना है कि जल्द समाधान निकलेगा, नई टीम बनेगी, धर्य रखो।
मंत्री धारीवाल व प्रमोद जैन ने की हदें पार
मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि हमारी सरकार का अलॉइमेंट खराब हो गया है। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल कहते हैं कि सीएम ने अच्छे-अच्छो को पानी पिलाया। धारीवाल जी प्रदेश की प्यासी जनता को पानी पिलाओ, आपके ऑफिस में इतना करप्शन है कि उसके बिना कोई फाइल नहीं निकलती। सीएम ने तत्कालीन शिक्षा मंत्री डोटासरा से भरी सभा में पूछा था कि शिक्षकों के ट्रांसफर बिना पैसे के नहीं होते। विधायक भरत सिंह कुंदनपुर तीन साल से विधानसभा नहीं आ रहे, लगातार पत्र लिख रहे लेकिन सरकार की ईमानदारी का बीज खत्म हो गया है। भरत सिंह चिल्ला रहे हैं कि धारीवाल व खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने भ्रष्टाचार की सारी हदे पार कर दी। गांव के गांव खा गए लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं। सीएम गहलोत व वसुंधरा को एक साथ कोरोना होता है, यह मिलीजुली सरकार है। सीएम गहलोत यह बताओ कि आपने भाजपा के हेलीकाप्टर खाली लौटाए वह कौन सी जादूगरी थी। मेरे पास सबूत हैं, भाजपा विधायकों के खरीदने के। इमानदार सीएम गहलोत ने किस किस विधायक को पैसे दिए सब सबूत हैं। मार दिया जाए या छोड़ दिया जाए, तेरे साथ क्या सलूक किया जाए। 21 पर आ गए थे गहलोत वह तो पायलट ने सौ क्रॉस कराए। प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है, जनता की आशा की किरण पायलट ही हैं।

कैलाश मेघवाल ने अपनी ही पार्टी भाजपा पर लगाए थे करप्शन आरोप
पूर्व स्पीकर दीपेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भगवान ने रावण का अंत करने के लिए पदयात्रा की थी और पायलट करप्शन खत्म करने के लिए पदयात्रा पर निकले हैं। भाजपा में करप्शन था तभी तो उनके मंत्री कैलाश मेघवाल ने अपनी ही पार्टी पर पांच हजार करोड़ के आरोप लगाए थे। मौके पर दीपेंद्र सिंह ने शायरना अंदाज में कहा बेपर्दा निकले हो सर्द हवाओं में, क्या आग लगाओगे बर्फीली चट्टानों में इसके बाद हम आह भी भरते हैं, तो हो जाते हैं बदनाम, वे कत्ल भी कर दें तो चर्चा नहीं होती, इस पर जमकर तालियां बजाई गईं।
पैसे लिए तो कार्रवाई करो, मंत्री पद से हटाओ
मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि रैली में नेता, विधायक व लोग नहीं जाएं इसके लिए काफी प्रयास किए गए। यह सैलाब देखकर सभी की नींद खुल जानी चाहिए। एक हाथ से ताली नहीं बजती, गहलोत अकेले सरकार बनाने का दावा कर रहे लेकिन कैसे यह समझ नहीं आता। यहां सरकार किसकी है, हमारे मुखिया कहते हैं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने सरकार बचाई, कांगे्रस की सरकार है या भाजपा की यह समझ नहीं आ रहा। बीजेपी छोडक़र शोभारानी कांग्रेस में आ गईं तो वह बोल्ड हो गईं, तो हम व बाकी विधायक क्या हैं। किसी विधायक ने पैसे लिए तो कार्रवाई करो, मंत्री पद से हटाओ, क्यों सीएम कदम नहीं उठा रहे।

सचिन पायलट का शक्ति प्रदर्शन
सचिन पायलट ने सोमवार को 28 वर्तमान एवं पूर्व मंत्री व विधायक, 5 राज्य सरकार में बोर्ड अध्यक्ष, 7 प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारी,10 जिला कांग्रेस अध्यक्ष, 17 लोकसभा एवं विधान सभा कांग्रेस प्रत्याशी, अन्य छात्र संघ, युवा, महिला, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक विभाग के नेताओं के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन किया। मौके पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नारायण सिंह चौधरी, पीसीसी उपाध्यक्ष राजेन्द्र चौधरी, मंत्री हेमाराम चौधरी, मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा, विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा व गिर्राज सिंह मलिंगा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत, विधायक गजराज खटाना, सुरेश मोदी, इंद्राज गुर्जर, वेदप्रकाश सोलंकी, राकेश पारीक, मुकेश भाकर, रामनिवास गावडिय़ा, वीरेंद्र चौधरी, हरीश मीणा, अमर सिंह जाटव, विप्र बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा, राज्य मंत्री केसी विश्नोई व गोपाल सिंह ईडवा सहित कई नेता मंच पर मौजूद थे।
1952 के बाद पहली बार 21 सीट पर पहुंचे गहलोत
मंत्रियों ने कहा कि गहलोत की नीति व करनी-कथनी में अंतर के चलते ही कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई थी। यह तो पायलट व उनकी टीम का प्रयास था कि 2018 में विधायकों की संख्या 100 पार पहुंची। बावजूद सीएम बनते ही गहलोत पार्टी की नीति, जनता से किए गए वादे सभी भूल गए। जनता सब जानती है और वह हिसाब लेने के लिए तैयार बैठी है।
पायलट को सीएम बनाओ कितना पैसा चाहिए गहलोत को
विधायक वेद सोलंकी ने कहा कि जनता की परीक्षा कब तक लोगे पायलट साहब। मैंने सीएम ऑफिस में फोन लगाकर पूछा कि पैसे का हिसाब कौन देगा, आ जाएं क्या, आज तक बुलाया नहीं, सीएम मुझे बुला लेना, पूरा हिसाब देंगे, आप दस-बीस करोड़ की बात कर रहे हो, आप पायलट को सीएम बनाओ हम पैसा दे देंगे, जनता सब कुछ देने को तैयार है, परीक्षा ज्यादा मत लो, समय मजबूत होता है, सभी चाहते हैं कि आगे आओ, जनता ठंडी हो गई तो पार्टी खत्म हो जाएगी। रंधावा को बताई समस्याएं, आज तक एक भी काम नहीं किया, हमने कहा पायलट बिना सरकार नहीं आएगी। कौन सी सीट पर कांग्रेस आएगी यह बताओ।

झलकियां..
मंच पर एक कार्यकर्ता ने सचिन पायलट को चांदी की गदा भेंटकर बजरंग बली का नारा बुलंद किया।
-युवाओं में इतना उत्साह था कि वह जेसीबी पर खड़े होकर पायलट को सुन रहे थे।
-मंच पर चढऩे एवं सचिन के साथ सेल्फी लेने लिए काफी होड़ मची।
-पायलट ने कहा कि कुछ उपद्रवी माहौल व सभा में अशांति पैदा कर सकते हैं, सभी सावधान रहें।
-महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग भी तपती धूप में सभा में शरीक हुए।
-समय अधिक होने पर मंत्री हेमाराम ने सभी से दो मिनट का समय मांगा और फिर जमकर बरसे गहलोत पर।
-सीएम के आसपास जो चापलूस हैं उन्हें जेल में डालने की बात मंत्री ने की।
-गांधीवादी तरीके से आंदोलन, रैली में कार्यकर्ता, नेता सफेद डे्रस कोड व टोपी पहनकर आए।
-पायलट को सुनने के लिए लोग सडक़ों पर कार में बैठकर सुनते देखे गए।

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