बीजेपी और कांग्रेस के लिए स्थानीय की मांग बढ़ा रही मुसीबत
बाड़मेर। राजस्थान विधानसभा चुनावों को लेकर सरगर्मीया तेज हो चुकी है वहीँ साढ़े चार साल गायब रहने के बाद एक बार फिर बीजेपी कांग्रेस सहित अन्य पार्टी के लोग अब क्षेत्र में सक्रिय नजर आ रहे है और अपनी अपनी जीत के दावे ठोक रहे है। गुड़ामालानी विधानसभा क्षेत्र से गुड़ामालानी की जनता अबकी बार स्थानीय विधायक की पुरजोर तरीके से मांग कर रही है और कह रही है कि आज दिन तक गुड़ामालानी का स्थानीय विधायक नही बना है जिससे गुड़ामालानी का विकास नहीं हुआ है बाहरी लोग हमेशा यहां से जीतकर जाते है लेकिन किसी ने भी गुड़ामालानी के विकास की और नही देखा। गुड़ामालानी की जनता कह रही है कि अबकी बार कोई भी पार्टी गुड़ामालानी से स्थानीय उम्मीदवार को टिकट देगी हम जनता उसका समर्थन करके विधानसभा में अपना प्रतिनिधि बनाकर भेजेंगे । जिसको लेकर के भाजपा से पूर्व विधायक लादूराम विश्नोई के सामने चुनौती खड़ी हो गई हैं वो अपने पुत्र केके बिश्नोई को यहाँ से टिकट दिलाना चाह रहे थे लेकिन उनके सामने स्थानीय की मुहिम हावी होती जा रही है जिसको लेकर के जयपुर से दिल्ली तक अपनी टिकट नहीं खोने को लेकर लगातार प्रयास कर रहे है। कमोबेश यही हालत वर्तमान विधायक और कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी के हैं वो भी अपनी पुत्री सुनीता चौधरी को टिकट दिलाना चाह रहे थे। जहाँ भाजपा में केके बिश्नोई के अलावा स्थानीय उम्मीदवारों में अनंतराम बिश्नोई, अमराराम बेनीवाल और सांवलाराम पटेल भी अपनी अपनी प्रबल दावेदारी जता रहे है वहीँ कांग्रेस में ताजाराम चौधरी स्थानीय के रूप में इकलौते दावेदार नजर आ रहे हैं।
जहाँ कांग्रेस किसी विवाद से बचने के लिए पुनः हेमाराम चौधरी को मौका दे सकती हैं तो वही भाजपा हाईकमान लादूराम विश्नोई का टिकट काटकर उनकी जगह अनंतराम बिश्नोई को टिकट दे सकती है। वंशवाद और परिवारवाद का विरोध होने के कारण भी दोनों ही दलों को अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ेगा। वसुंधरा खेमे से केके विश्नोई और कर्नल सोनाराम चौधरी की दावेदारी के बावजूद भाजपा संघ लॉबी से आने वाले अनंतराम विश्नोई को ज्यादा महत्व दे सकती हैं यदि पचपदरा में अमराराम चौधरी का टिकट कटता है तो गुड़ामालानी से सांवलाराम पटेल की किस्मत चमक सकती हैं।
अमराराम बेनीवाल जातीय समीकरण में फिट और संघ विचारधारा से होने के कारण दौड़ में आगे चल रहे हैं। स्थानीय दावेदार लगातार क्षेत्र में पिछले काफी समय से सक्रिय नजर आ रहे है और जनता के बीच पहुंचकर जनसंपर्क कर रहे है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी इस बार स्थानीय दावेदार और किसान नेता हरदाराम पटेल के नाम पर अपना दांव चला सकती हैं पटेल पिछले कई वर्षों से किसान संगठन से जुड़े होने के कारण किसानों के बिच लोकप्रिय हैं जिसके कारण स्थानीय होने के साथ साथ किसान वर्ग से जुड़ाव उनके लिए लिए सहानुभूति का कारण बना हुआ हैं जिससे राष्ट्रीय दलों में खलबली मची हुई हैं।