खेतड़ी में सचिन पायलट की मौजूदगी में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कांग्रेस हाईकमान और प्रदेश प्रभारी को सीधी चेतावनी दी है। राजेंद्र गुढ़ा ने कहा- मैं चैलेंज देना चाहता हूं, मां का दूध पीया है तो तो पायलट साहब के खिलाफ अनुशासन की कार्रवाई करके बताइए। छठी का दूध याद आ जाएगा।
गुढ़ा ने कहा- मुझे लोग कहते हैं कि मुख्यमंत्री तुम्हें को जेल भेज देंगे। जेल का लाइसेंस रिन्यू करने का टाइम आ गया है। राजस्थान की 36 कौम और सभी जाति के नौजवान से पायलट साहब के साथ खड़े हैं। जी जान देने के लिए तैयार हैं। जिस दिन जरूरत पड़ेगी।
वेद प्रकाश सोलंकी बोले- पायलट के चेहरे बिना सरकार नहीं आएगी
पायलट समर्थक विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने खेतड़ी की सभा में कहा- पायलट का चेहरा आगे नहीं किया तो सरकार आना मुश्किल है। जिन नेताओं ने हमें यहां तक पहुंचाया है। उनकी हम शहादत नहीं होने देंगे। यह पायलट की ताकत थी। यह पायलट का ही चेहरा था। इसकी वजह से कांग्रेस की सरकार आई। आने वाले समय भी अगर पायलट का चेहरा रहा तो ही कांग्रेस की सरकार रिपीट करेगी।
अगर इस चेहरे में थोड़ी सी भी मायूसी दिखी तो मुझे लगता हो सकता है सरकार नही आएगी। जो मंत्री गुढ़ा ने कहा वह बात साही हो जाए। हम नहीं चाहते जो गुढ़ा ने बात कही वह सही हो। कांग्रेस के कार्यकर्ता कांग्रेस की सरकार लाना चाहते हैं। कांग्रेसी कार्यकर्ता चाहते हैं। इसके चेहरे पर यह सरकार आई थी, उस चेहरे को चमकाना बहुत जरूरी है।
मंत्रियों के पास पावर नहीं है
सोलंकी ने कहा- शहीद की बेवा नौकरी के लिए आज भी तड़प रही है। मंत्री राजेंद्र गुढ़ा सही कहते हैं कि मंत्रियों को पावर नहीं है। मंत्रियों को पावर दिए जाने चाहिए। मंत्रियों के पावर अभी भी हाथ में नहीं है। गुढ़ा जी जी बार-बार कहते हैं। शेखावाटी के लोग सेना में सबसे ज्यादा बलिदान देते हैं। सरकार इनके प्रपोजल को खारिज करती है तो उन लोगों से हमें लड़ाई भी लड़ाई लड़नी है। जो देश के लिए शहीद होते हमें उनकी इज्जत करनी चाहिए।
सोलंकी ने कहा- सरकार ने जो घोषणा की उसे पूरा किया जाना चाहिए। जहां सरकार घोषणा करती है, जहां नौकरी देने की बात करती है। उसे पूरा नहीं किया जाता। हमारे झुंझुनूं की शहीद की वीरांगना को नौकरी नहीं मिल रही। मंत्री राजेंद्र गुढ़ा बैठे हैं, सरकार से अप्रूव करवाओ। सचिन पायलट की वजह से आज चार चार दलित मंत्री कैबिनेट में हैं। यह केवल पायलट साहब आपकी आवाज की वजह से पहली बार चार-चार दलित कैबिनेट मंत्री बने हैं।