आदिवासी वोट के जरिए मेवाड़ और राजस्थान जीत का इरादा
उदयपुर, 3 मई(ब्यूरो)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोग गहलोत ने अपना 72 वां जन्मदिन मेवाड़ के आदिवासियों के बीच मनाया। इस दौरान वह घाटा गांव में एक आदिवासी परिवार के घर भी पहुंचे तथा खाखरे के पत्तों में लापसी का रसास्वादन भी लिया।
आदिवासी क्षेत्र कोटड़ा तथा झाड़ोल में मुख्यमंत्री के जन्मदिन मनाए जाने को लेकर राजनीतिक चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया। चर्चा है कि आदिवासियों के वोट बैंक के जरिए मुख्यमंत्री गहलोत मेवाड़ और राज्य में कांग्रेस की नैया पार करने की कोशिश में जुटे हैं। इससे पहले वह एक साल के अंतराल में 14 बार मेवाड़ के दौरे पर आ चुके हैं।
मुख्यमंत्री गहलोत बुधवार दोपहर हेलीकॉप्टर के जरिए कोटड़ा क्षेत्र के घाटा गांव पहुंचे। जहां आदिवासी महिला और पुरुष पहले से ही मुख्यमंत्री की अगवानी तथा उनके जन्मदिन मनाने के लिए तैयार थे। महंगाई राहत कैम्प का दौरा करने के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने आदिवासियों के बीच अपना जन्मदिन मनाया। जहां मुख्यमंत्री का पारंपरिक आदिवासी संस्कृति से स्वागत किया गया। आदिवासी युवक और युवतियों ने क्षेत्रीय नृत्य की प्रस्तुति देकर उनकी अगवानी की। जहां मुख्यमंत्री का बर्थ डे सेलीब्रेट किया, वहां आदिवासी महिला और पुरुष मुख्यमंत्री के जन्मदिन की बधाई के पोस्टर लेकर स्वागत में खड़े थे।
आदिवासी के घर खाई लापसी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जन्मदिन के अवसर पर घाटा गांव के आदिवासी धर्माराम गरासिया के घर पहुंचे। कच्चे केलूपोस झोंपड़ीनुमान मकान में मुख्यमंत्री ने आदिवासी परिवार के सदस्यों से ही नहीं, बल्कि मौजूद ग्रामीणों ने बातचीत की। उन्होंने आदिवासी परिवार द्वारा तैयार पकोड़े तथा खाखरे यानी दौना बनाने में उपयोग लिए जाने वाले पेड़ के ताजा पत्तों में लापसी का रसास्वादन लिया। जनजाति परिवार भी अपने घर पर मुख्यमंत्री को देखकर भाव—विभोर हो उठा। मुख्यमंत्री के साथ पूर्व मंत्री मांगीलाल गरासिया, उदयपुर ग्रामीण जिला अध्यक्ष लाल सिंह झाला तथा पार्टी के अन्य नेता भी मौजूद थे।
गहलोत का एक साल में मेवाड़ का 15 वां दौरा
कांग्रेस की सरकार को प्रदेश में रिपीट करने की कोशिश में जुटे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को अपने 72वें जन्मदिन के दिन मेवाड़ के दौरे पर रहे। उनका पिछले 12 माह में यह 15वां दौरा रहा। तय समय से देरी से आए मुख्यमंत्री महाराणा प्रताप हवाई अड्डे से हेलीकॉप्टर के जरिए सीधे कोटड़ा के घाटा गांव पहुंचे। वहां से झाड़ोल स्थित विद्यापीठ कॉलेज मैदान में राहत शिविर का जायजा लिया। जिसके बाद उनका उदयपुर के नगर निगम में महंगाई राहत शिविर के लाभार्थियों तथा विद्यार्थियों से संवाद का कार्यक्रम है।
आदिवासी सीटों पर नजर
मुख्यमंत्री को राजस्थान जीत के लिए आदिवासी सीटों पर जीत सुनिश्चित करनी है। इसलिए वह एक साल में पंद्रहवीं बार उदयपुर संभाग के दौरे पर रहे। प्रदेश कुल 25 आदिवासी बहुल विधानसभा सीटों में उदयपुर संभाग 17 सीटें शामिल हैं। फिलहाल उदयपुर संभाग की कुल 28 सीटों में से कांग्रेस के पास महज 11 सीट हैं। इसलिए उनका फोकस आदिवासी मतदाता और मेवाड़ की सीटों पर ज्यादा है। ऐसी संभावन है कि अगर कांग्रेस आगामी विधानसभा में मेवाड़ में भाजपा को पछाड़ सकी तो सरकार के रिपीट होने की संभावना प्रबल होगी। क्योंकि, 2018 से पहले तक यह ट्रेंड रहा है कि जो मेवाड़ जीतता है प्रदेश में उसी की सरकार बनती है। 2018 में कांग्रेस मेवाड़ में पिछड़ गई तो उसे सत्ता में बने रहने के लिए दो बार बाड़ेबंदी तक करनी पड़ी।