उदयपुर, 17 सितम्बर(ब्यूरो): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को विश्वकर्मा जयंती पर पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना का शुभारंभ किया। जिसके तहत उदयपुर के सुखाड़िया रंगमंच पर उसका लाइव प्रसारण किया गया। यहां आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना ग्रामीण और शहरी भारत के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को समर्थन देने के लिए यह एक अनूठी योजना है। जिसमें हुनरमंदों को लोकल से ग्लोबल से जोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा, शिल्पकारों की रचना और प्रवीणता को प्रोत्साहित करते हुए किस तरह उनको और उन्नत और विकसित करने तथा उनके लिए रोजगार के नए अवसरों का सृजन करने के लिए इस नई योजना का सूत्रपात हुआ है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों ने अपने हाथ की कला, अपनी दक्षता और प्रवीणता से भारत की पहचान पूरे विश्व भर में स्थापित की है। योजना के तहत पहली बार में 18 पारंपरिक व्यापार को शामिल किया गया है। इस योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और आईडी कार्ड के माध्यम से पहचान दी जाएगी। इस अवसर पर जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल, उदयपुर सांसद अर्जुनलाल मीणा, ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, मावली विधायक धर्मनारायण जोशी, झाडोल फलासिया विधायक बाबूलाल खराड़ी, गोगुंदा विधायक प्रताप लाल भील, सलूंबर विधायक अमृतलाल मीणा भी मौजूद रहे थे।
धारीवाल पर बयान पर साधी चुप्पी
कार्यक्रम के बाद केन्द्रीय मंत्री ने मीडिया से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने केन्द्र सरकार की योजनाओं को लेकर जानकारी दी लेकिन उनके राजस्थान के नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल को सागर में फेंकने वाले बयान पर चुप्पी साध ली। सवाल सुनते ही वह बातचीत खत्म करके चले गए। गौरतलब है केन्द्रीय मंत्री शेखावत के बयान के बाद प्रदेश के खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने पलटवार करते हुए कहा था कि हिम्मत है तो गजेन्द्र सिंह उन्हें समुद्र में फेंकें।