भारत के नेतृत्व में होने वाले G20 सम्मेलन में आज और कल विदेश मंत्रियों की बैठक होगी। यह विदेश मंत्रियों की मौजूदगी के हिसाब से अब तक की सबसे बड़ी बैठक होगी। इसमें G20 देशों के अलावा दुनियाभर के 40 डेलीगेट्स भाग लेंगे।
राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में होने वाली इस बैठक में G20 मेंबर अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, मैक्सिको, दक्षिण कोरिया, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूएस के विदेश मंत्रियों के अलावा इंडोनेशिया के राष्ट्रपति बैठक में भाग लेंगे।
इस बैठक में G20 सदस्यों के अलावा बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और यूएई के विदेश मंत्रियों को भी बुलाया गया है। दुनियाभर के 40 से ज्यादा डेलीगेट्स और 13 अंतर्राष्ट्रीय संगठन बैठक में शामिल होंगे। अध्यक्षता भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर करेंगे।
बैठक 2 मार्च गुरुवार को होगी, लेकिन विदेश मंत्रियों के एक साथ एक छत के नीचे आने की शुरुआत बुधवार रात होगी। सभी नेता बुधवार को डिनर में शामिल होंगे। G20 में भारत की अध्यक्षता में होने वाली ये दूसरी मंत्री स्तरीय बैठक होगी। पहली मंत्रिस्तरीय बैठक बेंगलुरु में वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की हुई थी।
रूस-यूक्रेन जंग खत्म कराने की हो सकती है पहल
G20 विदेश मंत्रियों की बैठक में रूस के विदेश मंत्री को भी शामिल होना है। रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग का मुद्दा भी इस बैठक में उठ सकता है। दोनों देशों के बीच में चल रही जंग को एक साल से ज्यादा हो गया है। भारत की अध्यक्षता में होने वाले G20 समिट की टैग लाइन वसुधैव कुटुम्बकम यानी वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर है। ऐसे में रूस-यूक्रेन में शांति बहाल करने का प्रयास होने की उम्मीद है।