केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री ने जयपुर जी-20 बैठक को बताया सफल

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भारत आने वाले समय में
बनेगा सुपर पावर : गोयल
-यह तो सेमीफाइनल है, फाइनल अगले माह दिल्ली में
जयपुर, 25 अगस्त (ब्यूरो): वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि भारत आने वाले वक्त में सुपर पावर के रूप में उभरेगा। जयपुर में आयोजित जी-20 देशों की ट्रेड और इंडस्ट्री मंत्री की बैठक सफल रही है, लेकिन यह सेमीफाइनल है, फाइनल तो अगले माह राष्ट्राध्यक्षों की बैठक में होगा, जब पीएम नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में कई महत्वपूर्ण निर्णयों पर मोहर लगेगी। गोयल शुक्रवार को जी-20 बैठक के बाद मीडिया को संबोधित कर रहे थे।
गोयल ने कहा कि हर देशवासी एक विकसित देश में काम करेगा और इसमें युवाओं के लिए काफी अवसर होंगे। भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने यह प्रधानमंत्री का संकल्प है और 140 करोड़ देशवासी पीएम के संकल्प के साथ जुड़े हुए हैं। इस मीटिंग में हुए फैसले मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होंने कहा कि बैठक में ग्लोबल वैल्यू चैन की मैपिंग करने, एमएसएमई सेक्टर के लिए जयपुर कॉल और इंटरनेशनल ट्रेड के डिजिटलाइजेशन के लिए मापदंड तय किए गए हैं।
जयपुर कॉल एक्शन साबित होगा मील का पत्थर
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सप्लाई चैन के तहत ग्लोबल वैल्यू चैन की मेपिंग का फैसला किया है। वैल्यू चैन को एक पटल पर लाया जाए। चैन में आने वाली दिक्कतों के समाधान की आवश्यकता है। उन्हें तलाश कर समाधान निकाला जाएगा। एमएसएमई सेक्टर के लिए जयपुर कॉल का एक्शन दिया गया, जो मील का पत्थर साबित होगा। सदस्य देश एमएसएमई के बारे में डाटा और सूचनाएं साझा करेंगे। छोटे और मझोले उद्योगों के लिए मदद मिलेगी। जयपुर कॉल एक्शन एमएसएमई की सूचनाओं को सरल रूप से साझा करने के लिए बनाया गया है।
डिजिटलाइजेशन वाले 10 हाईलेवल मापदंड
गोयल ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुगम बनाने और उसे डिजिटल बनाने को लेकर 10 हाई लेवल मापदंड तय किए हैं, जिससे डिजिटल टेक्नोलॉजी का लाभ सदस्य देशों को मिल सके। ये 10 हाई लेवल मापदंड आगे चलकर वल्र्ड ट्रेड को डिजिटलाइज करने में मददगार साबित होंगे। भारत की सहभागिता विश्व व्यापार में बढ़ सके उसके लिए बैठक में कई प्रमुख निर्णय लिए गए हैं।
भारत मोबाइल मैन्यूफेक्चरिंग में दूसरे नंबर पर
गोयल ने कहा कि पहले भारत में मोबाइल मैन्युफेक्चरिंग नहीं होती थी। अब विश्व के सबसे ज्यादा मोबाइल फोन भारत में ही निर्मित हो रहे हैं। जिस तरह इकोनॉमी बढ़ रही है इकोसिस्टम भारत में आ रहा है। आगे चलकर कंपोनेंट और एक्सेसरीज बनेगी। पैकेजिंग डिजाइन अच्छा होगा। एक पूरी वैल्यू चैन भारत में नए तरीके से नए रोजगार पैदा करेगी। इससे नए निवेश और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। जैसे ही ग्लोबल वैल्यू चैन की मेपिंग होगी इसका सीधा लाभ भारत को मिलेगा।

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