मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सबको 100 यूनिट फ्री बिजली की घोषणा पर बीजेपी ने तंज कसा है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि पीएम मोदी की सभा से भयभीत होकर सीएम अशोक गहलोत ने यह घोषणा की है। बीजेपी ने सीएम अशोक गहलोत को घोषणावीर बताया है। सोशल मीडिया के जरिए बीजेपी नेताओं ने सीएम गहलोत को घेरने की कोशिश की है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, प्रभारी अरूण सिंह समेत कई बीजेपी नेताओं ने 100 यूनिट फ्री बिजली घोषणा को सीएम का चुनावी स्टंट करार देते हुए कहा है कि इसका फायदा कभी जनता को नहीं मिलेगा। दरअसल कल रात सीएम अशोक गहलोत ने प्रदेश के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक बिजली फ्री देने के साथ ही 200 यूनिट तक बिजली उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को सभी तरह के फिक्स चार्जेंज से राहत देने की घोषणा की थी।
पीएम की सभा से भयभीत होकर घोषणा
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने टवीट करके लिखा, गहलोत की सरकार ने अब तक साढ़े 4 साल में ना तो किसानों का कर्जा माफ किया, न बेरोजगारों को भत्ता दिया। 100 यूनिट बिजली फ्री की जगह 100 अपराध कम करने की बात कहते तो हमारे प्रदेश की महिलाएं, बच्चे, दलित, आदिवासी सुरक्षित होते, युवाओं को भी राहत मिलती कि अब प्रदेश में पेपर लीक नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि यह राहत नहीं, घोषणावीर की बस एक और चुनावी घोषणा मात्र है, जो कभी पूरी नहीं होगी, बस जनता के साथ छलावा है।
घोषणावीर मुख्यमंत्री की गज़ब की टाइमिंग
सीएम गहलोत की घोषणा पर नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने टवीट करते हुए कहा घोषणावीर अशोक गहलोत की गजब की टाइमिंग है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ऊर्जावान संबोधन से आप इस कदर प्रभावित हो गए कि देर रात्रि में आपको राहत की घोषणा करने को मजबूर होना पड़ा। साढ़े 4 सालों से जनता को लूटने के बाद अब चुनावी साल आते ही यकायक बिजली बिलों में फ्यूल सरचार्ज सहित अन्य शुल्क माफ करने की घोषणा से जनता आपके झांसे में नहीं आएगी। आपकी नीति और नीयत दोनों में खोट है। राठौड़ ने कहा कि बिजली के बिल में कटौती का फायदा जनता को तब मिलेगा, जब बिजली आएगी। प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में कई घंटों तक अघोषित बिजली कटौती का दंश उपभोक्ता झेलने को मजबूर है। वहीं प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह ने कहा कि राजस्थान मे आजकल “स्टेयरिंग फ्री” मुख्यमंत्री काम कर रहे है। जो रोज नित प्रतिदिन महिला अत्याचार,जंगलराज, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण से ध्यान भटकाने के लिए झूठी घोषणाएं कर रहे है। जनता सब जानती है और सबक सिखाने को तैयार है।
फ्यूल सरचार्ज को बीजेपी ने बना रखा था मुद्दा
बिजली बिल में लग रहे फ्यूल सरचार्ज को बीजेपी ने कुछ माह से मुद्दा बना रखा था। लेकिन अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की 200 यूनिट तक बिजली उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को फ्यूल सरचार्ज नहीं देने की घोषणा से बीजेपी का यह मुद्दा कमजोर पड़ रहा है। इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि साढ़े 4 साल तक औसतन 55 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज विद्युत उपभोक्ताओं से वसूलने वाली कांग्रेस सरकार अब 200 यूनिट तक फ्यूल सरचार्ज माफ करने की नौटंकी कर रही है। जबकि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में फ्यूल सरचार्ज मात्र औसतन 18 पैसे प्रति यूनिट ही था। जब फ्यूल सरचार्ज की बढ़ोतरी के कारण उद्यमी हड़ताल पर है तो औद्योगिक इकाइयों का फ्यूल सरचार्ज माफ क्यों नहीं कर रहे हो। उन्होंने कहा कि घोषणा दर घोषणा करने से पहले आप बिजली उपभोक्ताओं को दी गई सब्सिडी के विरुद्ध 15 हजार 180 करोड़ की बकाया राशि तो बिजली कंपनियों को चुकाएं। करीब 1 लाख 20 हजार करोड़ का डिस्कॉम्स का घाटा है और सब्सिडी के खर्चे के लिए बिजली कंपनियों को प्रति वर्ष 60 हजार करोड़ का लोन बैंकों से लेना पड़ता है जिसका ब्याज भी सालाना लगभग 6500 करोड़ रुपये होता है। सरकार पहले इन्हें चुकाए और फिर जाकर घोषणाएं करे तो बेहतर होगा।