ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरर फॉक्सकॉन ने भारत में अपने वर्कफोर्स और इन्वेस्टमेंट को दोगुना करने की योजना बनाई है। देश में कंपनी के रिप्रजेंटिव वी ली ने रविवार को प्रधानमंत्री मोदी को उनके 73वें जन्मदिन पर शुभकामनाएं देते हुए इसकी जानकारी दी।
उन्होंने लिंक्डइन पर लिखा, ‘आपके नेतृत्व में भारत में फॉक्सकॉन तेजी से विकसित हुई है। हम भारत में रोजगार, FDI और बिजनेस के साइज को दोगुना करने का लक्ष्य रखते हुए, अगले साल आपको एक बड़ा जन्मदिन का उपहार देने के लिए और भी अधिक मेहनत करेंगे।’
तमिलनाडु प्लांट में 40,000 लोगों को नौकरी देती है कंपनी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फॉक्सकॉन के तमिलनाडु प्लांट में अभी 40,000 लोग काम करते हैं। वहीं, पिछले साल रॉयटर्स ने बताया था कि अगले दो सालों में फॉक्सकॉन 53,000 लोगों को नौकरी में रखने की योजना बना रहा है।
भारत सरकार की PLI स्कीम का हिस्सा फॉक्सकॉन
एपल के तीनों कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर (फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन) भारत सरकार की 41,000 करोड़ रुपए की प्रोडक्शन-लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम (PLI) का हिस्सा हैं। इस स्कीम के बाद ही भारत में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग में तेजी आई है। 2020 में भारत सरकार ने PLI Scheme को लॉन्च किया था।
इस स्कीम से बाहर के देशों की कंपनीज को मौका मिलता है कि वो लोकल मैन्युफैक्चरिंग का फायदा उठा सकें, साथ ही उस पर इन्सेंटिव भी कमा सकें।
चीन से एपल की मैन्युफैक्चरिंग भारत में शिफ्ट की जा रही
अमेरिका-चीन के बीच तनाव बढ़ने के कारण चीन से एपल की मैन्युफैक्चरिंग भारत में शिफ्ट की जा रही है। जियो पॉलिटिकल टेंशन और कोरोना महामारी के बाद एपल समेत अन्य अमेरिकी टेक दिग्गज भी चीन के बाहर अपनी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी के विस्तार पर काम कर रहे हैं।
कांचीपुरम में मोबाइल कंपोनेंट प्लांट लगाएगी फॉक्सकॉन
फॉक्सकॉन तमिलनाडु में मोबाइल कंपोनेंट प्लांट लगाएगी। इसके लिए ताइवान की होन हई टेक्नोलॉजी ग्रुप (फॉक्सकॉन) ने राज्य सरकार के साथ दो महीने पहले एक लेटर ऑफ इंटेट (LOL) साइन किया है। इस प्लांट को कांचीपुरम जिले के श्रीपेरंबुदूर में फॉक्सकॉन की मौजूदा आईफोन प्लांट के पास ही 1,600 करोड़ रुपए की लागत से लगाया जाएगा।
भारत में 4-5 सेमीकंडक्टर प्लांट लगाना चाहती है फॉक्सकॉन
फॉक्सकॉन भारत में 4-5 सेमीकंडक्टर चिप मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करना चाहती है। फॉक्सकॉन ने वेदांता के साथ जॉइंट वेंचर तोड़ने के एक दिन बाद इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री को इसके बारे में जानकारी दी थी।