वारदात के दूसरे दिन भी पुलिस खाली हाथ
इनपुट के आधार पर पुलिस दे रही है जगह जगह दबिश
शीघ्र कामयाबी मिलने की है पुलिस को उम्मीद
भरतपुर जिले के बताए जा रहे हैं फायरिंग करने वाले दोनों आरोपी
आईजी और एसपी के नेतृत्व में आरोपियों की तलाश के लिए चलाया जा रहा है ऑपरेशन
दौसा, 24 अगस्त: पुलिस पर फायरिंग के मामले में दौसा पुलिस को 36 घंटे बाद भी मुलजिम हाथ नहीं लगे हैं। घटना के दूसरे दिन भी पुलिस के द्वारा आरोपियों की तलाश के लिए सर्च अभियान चलाया जा रहा है वहीं पुलिस ने दोनों आरोपियों को नामजद कर लिया है। आरोपी भरतपुर जिले के बताए जा रहे हैं। ऐसे में अब दौसा पुलिस भरतपुर में जगह-जगह ताबिश दे रही है, आरोपियों के परिजनों एवं उनके संपर्क में रहने वाले लोगों से भी पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि शीघ्र ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा इधर सर्च अभियान के लिए जयपुर ग्रामीण और अलवर से भी अतिरिक्त पुलिस जाब्ता व पुलिस अधिकारी बुलवाए गए हैं। करीब 500 पुलिसकर्मी सर्च अभियान में जुटे हुए हैं जो खेतों में और बीहड़ो में आरोपियों की तलाश कर रहे हैं वही बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारियों को टीम में लेकर अन्य जिलों में दबिश के लिए भी भेजा गया है फिलहाल आईजी जयपुर रेंज उमेश चंद्र दत्ता और दौसा एसपी वन्दिता राणा सर्च ऑपरेशन का नेतृत्व कर रही है। ही बीती रात अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक क्राइम दिनेश एमएन ने 6 घंटे तक दौसा में कैंप किया और दावा किया कि शीघ्र ही आरोपी गिरफ्त में होंगे।
बुधवार की सुबह हुई थी दिनदहाड़े मुठभेड़-
दरअसल दो मोटरसाइकिलों पर सवार होकर दो बदमाश जयपुर से भरतपुर की तरफ जा रहे थे। इसी दौरान चालकों के समीप फाइनेंस कंपनी के कार्मिकों ने बाइक की नंबर प्लेट पर रुमाल लगी बाइक को रुकवाया लेकिन बाइक सवार युवकों ने पिस्तौल दिखा दी जिसके बाद फाइनेंस कर्मचारियों ने पुलिस को सूचना दी। इसी सूचना पर जिला स्पेशल टीम के 6 जवान मौके पर पहुंचे और पीछा करके दोनों आरोपियों की पकड़ने की कोशिश की गई लेकिन आरोपी हाईवे पर मोटरसाइकिल छोड़कर खेतों की तरफ फरार हो गए जैसे ही डीएसटी के जवान पीछा कर रहे थे तो एक आरोपी तारबंदी के कारण अपने आप को घिरा हुआ पाया तो उसने फायरिंग कर दी और इस फायरिंग में कांस्टेबल प्रहलाद सिंह के सिर में गोली लगी है।
कांस्टेबल प्रहलाद सिंह की हालत बेहद नाजुक
घटना के कुछ देर बाद दौसा जिला अस्पताल से कांस्टेबल प्रह्लाद सिंह सिंह को जयपुर रैफर कर दिया गया था जिसके बाद बुधवार की दोपहर कांस्टेबल प्रहलाद सिंह का ऑपरेशन भी हुआ हालांकि अभी तक कांस्टेबल प्रहलाद सिंह अनकॉन्शियस बताया जा रहा है वहीं घटना की गंभीरता को देखते हुए डीजीपी उमेश मिश्रा, एडीजी क्राइम दिनेश एमएन भी अस्पताल पहुंचे और चिकित्सकों से कांस्टेबल की सेहत के बारे में जानकारी ली।
बुधवार को 300 तो गुरुवार को करीब 500 जवान आरोपियों की तलाश में जुटे- पुलिस पर फायरिंग होने के बाद बुधवार को दिनभर पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया करीब 300 पुलिस के जवानों और बड़ी संख्या में अधिकारियों की मौजूदगी में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इस सर्च ऑपरेशन के दौरान ड्रोन कैमरा की सहायता भी ली गई वहीं गुरुवार की सुबह ही जयपुर और अलवर से भी अतिरिक्त पुलिस जाब्ता मंगवाया गया है ऐसे में आज करीब 500 पुलिसकर्मी आरोपियों की तलाश में जुटे हुए हैं।
पुलिस में दिखा तालमेल का अभाव
जिन अपराधियों को पुलिस 36 घंटे से ढूंढने का प्रयास कर रही है उन्हे कल सुबह ही दबोचा जा सकता था। लेकिन घटना के तुरंत बाद कुछ जवान घायल प्रहलाद को अस्पताल ले गए शेष बचे जवानों को कोई निर्देश देने वाला नही था। जबकि घटना स्थल से कुछ कदम दूरी पर ही दूब्बी चौकी थी। जिन्हे घटना के दो घंटे बाद जानकारी मिली।
उच्चाधिकारियों को भी दो घंटे तक नही मिली घटना की सूचना
दौसा से महज 15 किमी दूर सदर थाना क्षेत्र में यह घटना घटी। लेकिन हैरानी की बात यह है की डेढ़ घंटे तक बड़े अधिकारी हरकत में नही आए और शायद उन्हें घटना का इनपुट तक नहीं मिला। साढ़े नौ बजे बाद एसपी मौके पर पहुंची। तब पुलिस पूरी तरह हरकत में आई।
कमजोर सूचना तंत्र ने पैदा किए ये हालात
पुलिस का पूरा सिस्टम सूचना तंत्र पर टिका होता है समय लेकिन दौसा पुलिस अधिकारियों का सूचना तंत्र इतना कमजोर निकला की उन्हें डेढ़ घंटे तक इनपुट नही मिला जिससे वे फोर्स का सदुपयोग नही कर सके। इस बात का लाभ उठा कर बदमाश पुलिस की पहुंच से दूर हो गए।