हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को जांच में सहयोग करने के दिए आदेश
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश मनोज गर्ग ने एक आपराधिक एकल पीठ याचिका की सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी पर रोक के आदेश पारित किए हैं। याचिकाकर्ता के खिलाफ 22 साल पहले जमीन खरीद मामले में धोखाधड़ी की एफआईआर की गई थी। इस एफआईआर को निरस्त करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है।
याचिकाकर्ता देवाराम के अधिवक्ता प्रवीण दयाल दवे ने राजस्थान हाईकोर्ट के समक्ष अपराधिक एकल पीठ फौजदारी याचिका प्रस्तुत कर बताया कि याची द्वारा एक लिखित बेचान इकरार के जरिए उमाराम से उसके हिस्से की कृषि भूमि ग्राम कुशलपुरा तहसील रायपुर जिला पाली रकबा 12 बिघा 13 बिस्वा पांच मई 2001 को खरीदा और मौके पर कब्जा प्राप्त किया जिनकी रजिस्ट्री नहीं करवाई। उसके पश्चात एक अक्टूबर 2022 को याची को सूचना मिली कि मांगीलाल, धर्मीचंद एवं आदित्य उसके खेत में अवैध प्रवेश कर फसल नष्ट कर रहे हैं जिसकी पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाए जाने के पश्चात पुलिस द्वारा अभियुक्तों के विरुद्ध चालान प्रस्तुत किया है।
प्रकरण में अभियुक्तों को आरोप भी सुनाया जा चुके है। भूमि विवाद के संदर्भ में न्यायालय में संविदा की विनिर्दिष्ट पालना का वाद भी लंबित है, इसके बावजूद अयाची द्वारा भूमि खरीद के 22 वर्ष पश्चात याची के विरुद्ध 18 मार्च 2023 को एफआईआर दर्ज करवा दी। याचिका पर सुनवाई कर न्यायाधीश मनोज गर्ग ने याची की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए अनुसंधान में सहयोग करने के आदेश जारी किए। सरकार की ओर से एडवोकेट जावेद गौरी और याची की ओर से एडवोकेट प्रवीण दयाल दवे द्वारा पक्ष रखा गया।