शैल कम्पनियों के जरिए कालाधन सफेद करने का आरोपों को वैभव गहलोत ने निराधार बताते हुए कहा कि इनमें कोई सच्चाई नहीं हैं। इस प्रकार के आधारहीन आरोप पूर्व में 12-13 साल पहले भी लगे थे मगर उनमें तथ्य नहीं होने के कारण पिट चुके हैं।
वैभव ने बातचीत में बताया कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते हैं, सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री और उनके परिजनों पर आरोप लगने लगते हैं। अगर इन आरोपों में लेशमात्र भी सच्चाई होती तो दस साल पहले मामला पिटता नहीं। लेकिन चुनाव के समय इस प्रकार के अनर्गल आरोप लगाने का सिलसिला चलने लगता हैं।
फर्जी ट्रेवलिंग बिल बनाने और इनका भुगतान उनकी कम्पनी को करने के आरोप पर वैभव ने कहा कि परिवहन का काम वे आज भी कर रहे हैं। एक दशक से यह काम चल रहा हैं। फर्जी बिल बनाने और उस आधार पर भुगतान उठाने की बता मनगंढ़त हैं। यात्रा का बकायदा रेकार्ड हैं। इसमें कोई फर्जीवाडा नहीं हैं। हवाई अड्डे के वीडियों की रेकार्डिंग देखी जा सकती हैं कि गाडियां चलती हैं। गाडियों का मेंटेनेंस भी होता हैं, उसका भी रेकार्ड हैं।
उन्होंने कहा कि जो भी भुगतान और देनदारियां है उनका पूरा रिकार्ड है औैर चुनावों से पहले इस प्रकार के राजनीतिक आरोप लगना बड़ी बात नहीं है। ईडी पहले ही हमारे परिवार की जांच कर चुकी है, उस समय भी पूरा मामला राजनीतिक निकला था।