सोशल मीडिया पर आरोप प्रत्यारोप हुए शुरू
बस्सी, 21 अक्टूबर (ब्यूरो): बस्सी विधानसभा सीट पर निर्दलियों का कब्जा रहा है । यहां बीते 15 साल से भाजपा कांग्रेस समेत अन्य कोई राष्ट्रीय पार्टी जीत हासिल नहीं कर सकी। इस बार भी बस्सी विधानसभा चुनाव की हॉट सीट बनी हुई है। 9 बार भले ही बस्सी में कांग्रेस और भाजपा ने बाजी मारी है, लेकिन राजस्थान विधानसभा चुनाव 2008 के बाद से ही मतदाताओं को निर्दलीय प्रत्याशी ही जीत रहे हैं। ऐसा नहीं है कि बस्सी में भाजपा और कांग्रेस का वोट बैंक नहीं है। यहां से भाजपा ने तीन बार चुनाव जीते हैं। 2023 मैं भाजपा ने कमल खिलाने को लेकर ऐलान तो कर दिया, लेकिन यहां कमल खिल पाएगा या नहीं यह संशय बना हुआ है। वर्तमान विधायक आईपीएस रेंज पर रह चुके हैं। उसी को शिकस्त देने के लिए भाजपा ने एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी को प्रत्याशी के बनाया है। बस लोगों को इंतजार हैं तो कांगे्रस की सूची का!
विजन के नाम पर छिड़ी जंग
हाल में हुए दोनों प्रमुख दलों के कार्यकर्ता सम्मेलन से ही सोशल मीडिया पर विकास के नाम पर जंग छिड़ी हुई है। ऐसे में कांग्रेस समर्थकों ने डिजिटल बस्सी, ईआरसीपी, पानी बस्सी में लाने का ऐलान तक कर दिया, लेकिन भाजपा का कोई स्टंट नजर नहीं आ रहा है। इससे असमंजस बना हुआ है। अब देखना ये हैं कि भाजपा प्रत्याशी बस्सी विधानसभा के मतदाओं को अपनी ओर कितना खिंच पाते हैं।