कहीं आईपीएस-आईएएस के बीच तो कहीं रिश्तेदारों के बीच चुनावी जंग

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-कई जगह मंत्री के सामने नए चेहरे या फिर पिछले चुनाव में हारने वाले मैदान में
जयपुर, 23 अक्टूबर (विसं) : भाजपा-कांग्रेस दोनों की प्रत्याशियों को लेकर दो-दो लिस्ट जारी हो चुकी है। अब बीजेपी को 76 तो कांग्रेस को 124 सीटों पर प्रत्याशी घोषित करना बाकी है। अभी तक 43 सीटों पर दोनों के प्रत्याशी आमने-सामने आ चुके हैं। यानि 43 विधानसभा में दोनों पाॢटयों ने अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। इसके चलते इन विधानसभाओं में अब शतरंज की बिसात बिछने के बाद शह-मात को लेकर रणनीति बनने लगी हैं। इसके चलते बस्सी में रिटायर्ड आईपीएस एवं आईएएस के बीच जंग है, तो सोजत में कांग्रेस के निरंजन आर्या व बीजेपी की शोभा चौहान के बीच मुकाबला होगा। यह दोनों रिश्तेदार हैं और इसके चलते यह चुनाव भी रोचक हो गया है कि कैसे रिश्तेदार एक-दूसरे पर आक्रमण करते हैं।
सांचौर में सांसद देवजी पटेल व मौजूदा मंत्री सुखराम बिश्नोई के बीच टक्कर देखने लायक होगी। वहीं झुंझुनूं में मंत्री बृजेंद्र ओला की बीजेपी के बिजनेसमैन प्रत्याशी बबलू चौधरी से मुकाबला होगा। हालांकि यह सीट बीजेपी के लिए डी ग्रेड यानि लगातार हारने वाली है। इसी के चलते नए चेहरे पर दांव लगाया गया है। नवलगढ़ की बात करें तो यहां पर सीएम एडवाइजर राजकुमार शर्मा का मुकाबला बीजेपी के यूथ फेस विक्रम सिंह जाखल से होगा। हालांकि शर्मा यहां से लगातार 3 बार जीत रहे हैं और बीजेपी के लिए यह सीट डी ग्रेड की थी। फतेहपुर की बात करें तो काफी विरोध के बीच कांग्रेस ने हाकम अली खान को ही मैदान में उतारा है। जबकि बीजेपी ने कोचिंग संचालक श्रवण चौधरी को मैदान में उतारा है। यह सीट भी बीजेपी के लिहाज से कमजोर है। नीमकाथाना में कांग्रेस ने मौजूदा विधायक सुरेश मोदी पर तो बीजेपी ने प्रेम सिंह बाजोर पर दांव लगाया है। कोटपुतली में मंत्री राजेंद्र यादव के सामने बीजेपी के हंसराज पटेल हैं। हंसराज का बीजेपी कार्यकर्ता ही विरोध कर रहे हैं और पिछले चुनाव में वह निर्दलीय लड़े थे और हारे भी थे। इसके चलते यहां राजेंद्र यादव मजबूत हैं। दूदू की बात करें तो कांग्रेस ने एक बार फिर बाबूलाल नागर पर दांव लगाया तो बीजेपी ने डॉ. प्रेमचंद्र बैरवा पर। बानसूर विधानसभा की बात करें तो यहां मंत्री शकुंतला रावत का मुकाबला बीजेपी के देवीसिंह शेखावत से है। शेखावत खनन व्यवसायी हैं और 2018 में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय लड़े थे और हार गए थे। दो साल पहले ही बीजेपी में वापिसी हुई है। लालसोट में मंत्री परसादी लाल मीणा का मुकाबला बीजेपी के रामबिलास मीणा से होगा। 2018 में भी चुनावी मैदान में थे, लेकिन हार गए थे।
बस्सी में प्रशासनिक अधिकारियों के बीच जंग
बस्सी में कांग्रेस ने रिटायर्ड आईपीएस लक्ष्मण मीणा पर तो बीजेपी ने रिटायर्ड आईएएस चंद्रमोहन मीणा पर दांव लगाया है। मीणा इसके पहले 2009 में कांग्रेस टिकट पर दौसा से लोकसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए थे। इसके बाद 2013 में विधानसभा में भी उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा था। इसके बाद 2018 में वह निर्दलीय लड़े और जीत गए। हालांकि बाद में उन्होंने कांग्रेस को समर्थन दिया था। दूसरी तरफ 1980 बैच के आईएएस चंद्रमोहन मीणा 2014 में सेवानिवृत्त हुए थे। नौकरी के दौरान अच्छी छवि व धरातल पर सक्रिय रहने के साथ ही सामाजिक कार्यों में उनकी सक्रियता के चलते बीजेपी ने उन्हें मैदान में उतारा है। इसके चलते दो प्रशासनिक अधिकारियों के बीच यह मुकाबला काफी रोचक बन गया है।
सोजत में जीत-हार में रिश्तेदारी आएगी आड़ें
सोजत में कांग्रेस ने सीएम एडवाइजर व पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्या को मैदान में उतारा है। तो बीजेपी ने मौजूदा विधायक शोभा चौहान को। हालांकि संघ शोभा को लेकर तैयार नहीं था और उनके कार्यकाल में उनकी निष्क्रियता व गहलोत से प्रभावित होने की उनकी रिपोर्ट ऊपर तक भेजी थी। बावजूद इसके पार्टी ने शोभा पर ही दांव लगाया। वहीं 2018 में कांग्रेस से चुनाव लडऩे वाली शोभा मेघवाल का टिकट कटा है, लेकिन वह पहले ही चुनाव लडऩे से इनकार कर चुकी थीं। बताया जाता है कि निरंजन आर्या व शोभा मेघवाल की बनती नहीं हैं और इसके चलते कांग्रेस को ही इसका नुकसान झेलना पड़ सकता है। वहीं निरंजन व शोभा चौहान आपस में रिश्तेदार बताए जाते हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि जीत-हार में रिश्तेदारी कितने आड़े आती है।
यहां पर भी रोचक मुकाबला
केकड़ी में कांग्रेस के रघु शर्मा तो बीजेपी के शत्रुघ्न गौतम, बीकानेर में बीडी कल्ला और जेठानंद व्यास, नावां में महेंद्र चौधरी और विजय चौधरी, मांडल में रामलाल जाट और उदयपाल भड़ाना के बीच भी रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा।

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