राजस्थान के 5 विधायक आने वाला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते, वहीं 31 विधायक ऐसे हैं जो पार्टी के कहने पर लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार हैं।
दरअसल, विधानसभा चुनावों बेहद नजदीक आ गए हैं। कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशियाें की पहली सूची जारी करने की तैयारी कर रही है। टिकट सूची के इंतजार के निर्दलीयों सहित सभी पार्टियों के 160 विधायकों-मंत्रियों से बातचीत की।
सर्वे में इन सवालों के जवाब पूछे
1. क्या आप इस बार भी विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं?
2. कितनी उम्मीद है कि आपको टिकट मिलेगा?
3. पार्टी ने सांसद का चुनाव लड़ने का विकल्प दिया तो जवाब क्या रहेगा?
4. विधायक के तौर पर खुद को 10 में से कितने नंबर देंगे?
किन विधायकों-मंत्रियों ने इन सवालों का क्या जवाब दिया, कौन चुनाव लड़ना ही नहीं चाहता, किसके मन में सांसद का चुनाव लड़ने की इच्छा है?
भास्कर के इस सवाल पर 5 एमएलए ने तो साफ इनकार कर दिया। यानी वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। इनमें 4 कांग्रेस और कांग्रेस सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक शामिल हैं। सर्वे में 90% से ज्यादा विधायकों ने कहा है कि वे वापस चुनाव मैदान में उतरना चाह रहे हैं और पूरे विश्वास के साथ ‘हां’ में जवाब दिया है।
बाड़मेर जिले की गुड़ामालानी सीट से कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी के अलावा हिंडौन (करौली) से कांग्रेस के भरोसी लाल जाटव, श्रीमाधोपुर (सीकर) से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत, सांगोद (कोटा) से पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक भरत सिंह और खंडेला (सीकर) से कांग्रेस समर्थक निर्दलीय विधायक व पूर्व केंद्रीय मंत्री महादेव सिंह खंडेला इस बार चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं।
खंडेला सीट से महादेव सिंह खंडेला कांग्रेस से अपने बेटे के लिए टिकट मांग रहे हैं। हेमाराम चौधरी, भरत सिंह और दीपेंद्र सिंह शेखावत चुनाव लड़ने से मना कर चुके हैं। दीपेंद्र सिंह भी अपने बेटे को चुनाव लड़वाना चाह रहे हैं।
करीब 5 विधायक
करीब 5 विधायक हैं, जिन्होंने इस सवाल का जवाब स्पष्ट रूप से नहीं दिया। इनमें 3 भाजपा और एक-एक कांग्रेस व रालोपा (राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी) के विधायक शामिल हैं। बूंदी से भाजपा के अशोक डोगरा, केशोरायपाटन (बूंदी) से चंद्रकांता मेघवाल और नागौर सीट से मोहनराम चौधरी, जबकि कांग्रेस से रामगढ़ (अलवर) सीट से
सफिया जुबैर खान और खींवसर (नागौर) से रालोपा के नारायण बेनीवाल विधायक हैं।
सर्वे में शामिल हुए 160 में से 141 विधायकों ने ‘हां’ में जवाब दिया है। यानी उनको पूरी उम्मीद है कि पार्टी उन्हें ही टिकट देगी ही। केवल दो विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने इस सवाल का जवाब ‘नहीं’ में दिया। इन दो सीटों में एक किशनगढ़ (अजमेर) सीट से निर्दलीय विधायक सुरेश टांक हैं, जिन्होंने गहलोत सरकार को अपना समर्थन दिया हुआ है और अब वह भाजपा से टिकट मांग रहे हैं। पिछले चुनाव में भी वे भाजपा से ही टिकट मांग रहे थे। साथ ही, श्रीगंगानगर की श्रीकरणपुर सीट से कांग्रेस विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर ने भी नहीं में जवाब दिया है।
16 विधायक हैं, जिन्होंने टिकट मिलेगा या नहीं, इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। इन विधायकों में 7 कांग्रेस के, 4 भाजपा के, 1 रालोपा से और कांग्रेस को समर्थन देने वाले 4 निर्दलीय शामिल हैं। वहीं, इनमें कांग्रेस को समर्थन देने वाले एक निर्दलीय विधायक ने किसी भी पार्टी से टिकट लेने से मना कर दिया है।
अस्पष्ट जवाब देने वालों कांग्रेस के कोटा की सांगोद सीट से भरतसिंह, रामगढ़ (अलवर) सीट से सफिया जुबेर खान, किशनगढ़ बास से दीपचंद खैरिया (बसपा से कांग्रेस में शामिल), श्रीगंगानगर की सादुलशहर सीट से जगदीश जांगिड़, नागौर की परबतसर से रामनिवास गावड़िया, बाड़मेर की पचपदरा से मदन प्रजापत और भीलवाड़ा की सहाड़ा से गायत्री देवी हैं।
भाजपा में नसीराबाद सीट से रामस्वरूप लांबा, नागौर सीट से मोहनराम चौधरी, बूंदी से अशोक डोगरा और केशोरायपाटन (बूंदी) से चंद्रकांता मेघवाल हैं।
कांग्रेस को समर्थन
कांग्रेस को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों में सिरोही सीट से संयम लोढ़ा, खंडेला (सीकर) से पूर्व केंद्रीय मंत्री महादेव सिंह खंडेला, जयपुर की बस्सी से लक्ष्मण मीणा और थानागाजी से कांति प्रसाद मीणा हैं।
रालोपा से नागौर की खींवसर से नारायण बेनीवाल भी स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए।
अलवर की बहरोड़ सीट से बलजीत यादव खुद की पार्टी बनाकर चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। यदि पार्टी का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया तो वापस निर्दलीय ही चुनाव लड़ेंगे।
3. पार्टी ने सांसद का चुनाव लड़ने का विकल्प दिया तो क्या जवाब रहेगा?
इन 31 विधायकों ने सांसद का चुनाव लड़ने पर कहा ‘हां’
कांग्रेस के 17 विधायक : भरतपुर की डीग कुम्हेर से केबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह, जयपुर की झोटवाड़ा से लालचंद कटारिया, हवामहल से महेश जोशी व सिविल लाइंस से प्रताप सिंह खाचरियावास, जालोर की सांचौर से सुखराम बिश्नोई, अलवर की राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ से जोहरी लाल मीणा, तिजारा से संदीप यादव व किशनगढ़बास से दीपचंद खैरिया, टोंक की देवली उनियारा से हरीश चंद्र मीणा।
नागौर की डीडवाना से चेतन सिंह चौधरी, प्रतापगढ़ से रामलाल मीणा, बारां की अटरू से पानाचंद मेघवाल, भरतपुर की बयाना से अमर सिंह जाटव, सीकर की फतेहपुर से हाकम अली, टोंक की निवाई से प्रशांत बैरवा, जोधपुर की शेरगढ़ से मीना कंवर और दौसा के बांदीकुई से जीआर खटाणा।
भाजपा के 9 विधायक : चूरू से नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, जयपुर की आमेर सीट से उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया, जालोर की भीनमाल से पूराराम चौधरी, चित्तौड़गढ़ की बड़ी सादड़ी से ललित ओसवाल, अजमेर की ब्यावर से शंकरसिंह रावत, कोटा दक्षिण से सन्दीप शर्मा और पाली से ज्ञानचंद पारख व जैतारण से अविनाश गहलोत, नागौर के मकराना से रूपाराम मुरावतिया।
रालोपा का 1 विधायक : जोधपुर की भोपालगढ़ से पुखराज गर्ग।
निर्दलीय 4 विधायक : अजमेर की किशनगढ़ से सुरेश टांक, सवाई माधोपुर की गंगापुर से रामकेश मीणा, दौसा की महवा से ओमप्रकाश हुड़ला और पाली की मारवाड़ जंक्शन से खुशवीरसिंह जोजावर।
4. आप एक विधायक के तौर पर खुद को 10 में से कितने नंबर देंगे?