मनी लांड्रिंग को लेकर वैभव गहलोत को भी नोटिस

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ओम-गोविंद पर ईडी का शिकंजा, वैभव को थमाया नोटिस

चुनावों से पहले एक बार फिर ईडी की एंट्री, डोटासरा, हुड़ला के आवासों पर छापे

-रीट प्रश्न पत्र से जुड़ा बताया जा रहा है मामला
-सीआरपीएफ के जवानों की मौजूदगी में चल रही कार्रवाई

जयपुर, 26 अक्टूबर (ब्यूरो): रीट प्रश्नपत्र लीक मामले में उठी आग की लपटें अब राजनेताओं तक पहुंचने लगी है। मनी लॉड्रिंग से जुड़े प्रकरण में गुरुवार सुबह ईडी (प्रर्वतन निदेशालय) ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुड़ला के सरकारी व निजी आवास पर दबिश दी। सीआरपीएफ के भारी जाब्ते के साथ ईडी ने कई घंटों तक तलाशी अभियान चलाकर कुछ महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए है। इसके साथ ही ईडी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत को पूछताछ के लिए नोटिस थमाया है। ईडी ने वैभव को जारी हुए समन में फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) का हवाला देकर गुरुवार को पेश होने को कहा। सूत्रों के अनुसार वैभव गहलोत ने पेश होने के लिए 15 दिन का समय मांगा था। अब ईडी ने 30 अक्टूबर को पेश होने को कहा हैं।
सूत्रों के अनुसार ईडी ने डोटासरा और हुड़ला के जयपुर में चार ठिकानों सहित सीकर व दौसा में भी कार्रवाई की है। डोटासरा के यहां सिविल लाइन और सीकर के आवास पर सर्च ऑपरेशन चलाया तो कुछ टीमों ने उनके रिश्तेदारों के यहां भी दबिश दी। जानकारी के अनुसार टीम ने डोटासरा से पहले पोर्च में और बाद में ऑफिस में पूछताछ की गई। बताते हैं कि डोटासरा के बेटे के कलाम कोचिंग सेंटर सहित उसके बिजनेस पार्टनर्स के यहां ईडी पहले भी छापे की कार्रवाई कर चुकी है। ईडी टीम महवा से हुड़ला के ठिकानों पर महुआ-दौसा पहुंची। सुबह करीब 10 बजे तीन गाडिय़ों से पहुंची ईडी ने मंडावर रोड स्थित हुड़ला के आवास रामकुटी पर छापेमारी की। टीम ने मिस्त्री मार्केट में विधायक की होटल हुड़ला पार्क में भी सर्च किया। उस वक्त हुड़ला भी होटल में ही मौजूद थे, जिनसे पूछताछ कर ईडी ने दस्तावेज खंगाले हैं। ईडी पूरी कार्रवाई में स्थानीय पुलिस की मदद लेने के बजाय केन्द्रीय औद्योगिक बल साथ लेकर चल रही है।
नकदी मिलने की खबर
जानकारी के अनुसार ईडी ने हुड़ला और डोटासरा के खास नजदीकियों और रिश्तेदारों को भी राडार पर लिया है। पता चला है कि राजेन्द्र गुप्ता, निधि शर्मा और सीए सुभाष बालाहेड़ी भी हुड़ला के व्यापारिक साझेदार हैं। ईडी ने राजेन्द्र गुप्ता के छापेमारी की, जिसके पास नकदी मिलने पर नोट गिनने के लिए मशीन मंगवाई गई। हालांकि इस बात का ईडी ने खुलासा नहीं किया कि सर्च के दौरान मनी लॉड्रिंग से जुड़े कौन-कौन से साक्ष्य और कितनी नकदी बरामद हुई। वर्ष 2022 में हुड़ला के भाई हरिओम मीणा का पेपर लीक मामले में नाम सामने आया। उसे डमी कैंडिडेट उपलब्ध कराने के मामले में शिवदासपुरा स्थित एग्जाम सेंटर के बाहर से गिरफ्तार किया था। निधि शर्मा के भाई दीपक और ललित भी जांच के दायरे आ सकते हैं। जबकि डोटसरा का बेटा कलाम नाम से कोचिंग सेंटर चलाता है, जहां गड़बड़ी के इनपुट मिले थे।
ईडी राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा सहित मास्टरमाइंड सारण और अभ्यर्थियों सहित दर्जनों लोगों पर शिकंजा कस चुकी है। जानकारी के अनुसार करीब 12 दिन पहले मुख्यमंत्री के नजदीकी रहे दिनेश खोड़निया और उनके रिश्तेदार अशोक जैन के घर पर डूंगरपुर में छापे मारे थे।

नोटिस मिलने के बाद बोले वैभव गहलोत, हम भागने वाले नहीं
-जमकर आड़े हाथों लिया भाजपा और केन्द्र सरकार को

जयपुर, 26 अक्टूबर (ब्यूरो): मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को ईडी की ओर से समन भेजेे जाने के बाद सियासत गर्मा गई है। वैभव गहलोत ने इस मुद्दे पर भाजपा को निशाने पर लिया है। गौरतलब है कि इस नोटिस में वैभव को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 का उल्लेख करते हुए दस्तावेजों के साथ पेश होने की बात कही गई है।
सीकर जिले के फ तेहपुर में सैनी समाज के कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद वैभव गहलोत ने मीडिया से कहा कि जिस मामले में मुझे नोटिस दिया है वो मामला करीब 10-12 साल पुराना मामला है। इस मामले में सब कुछ मेरी तरफ से पहले ही बताया जा चुका है। अब आचार संहिता लग चुकी है उस समय कैसे यह मुद्दा याद आया। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि चुनाव के समय भाजपा की ओर से इस तरह हथकण्डे अपनाए जाते रहे है। वैभव ने कहा कि मुझे बुधवार को दोपहर में 3 बजे ईडी का समन मिला जिसके तहत गुरुवार सुबह 11.30 बजे तलब किया है। 24 घंटे से कम समय दिया, लिहाजा अब मैंने भी वकीलों से बात की और समय मांगा है। ईडी के जो भी सवाल होंगे उनका मैं जवाब दूंगा।
आरसीए अध्यक्ष ने कहा-एक सोची समझी रणनीति के तहत यह सब किया जा रहा है। आज मुख्यमंत्री ने भी पूरे मसले पर अपनी बात रखी है, हम भागने वाले नहीं है, सब जवाब देंगे। साल 2011-12 में भी यही आरोप लगाए गए थे। जो अब लगाए जा रहे हैं। जब चुनाव आ गए हैं तो आरोप याद आ गए, हर चुनाव में यही आरोप लगते आए हैं। अब 12 साल पहले जिन बातों का जवाब दे चुका, उन बातों को वापस पूछने के लिए समन मिला है, लेकिन हम इससे घबराने वाले नहीं है।
सांसद किरोड़ी मीणा ने लगाए थे आरोप
वैभव गहलोत की कंपनी पर शैल कंपनी के मार्फत 100 करोड़ रुपए मॉरीशस भेजने के आरोप हैं। इसी वर्ष जून में राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने ईडी में इसकी शिकायत की थी। मीणा ने वैभव गहलोत पर होटल फेयरमाउंट में मॉरीशस की शैल कंपनी की ओर से करीब 100 करोड़ के निवेश के आरोप लगाए थे। किरोड़ीलाल ने शिकायत में कहा था कि गहलोत और उनके परिवार के सदस्यों के पैसे को पहले हवाला के जरिए मॉरीशस पहुंचाया गया। मामले में फेमा के उल्लंघन की जांच करने की मांग की गई थी। अब ईडी ने फेमा के उल्लंघन में पूछताछ के लिए समन जारी किया है।
ट्राइटन होटल से जुड़े मामले में आठ साल पहले ईडी ने जांच शुरू की थी
वैभव गहलोत की कंपनी के खिलाफ वर्ष 2012 में भी बीजेपी ने आरोप लगाए थे। उस वक्त भी शिकायत की गई थी। बाद में साल 2015-16 में ईडी ने जांच शुरू की थी। वैभव के बिजनेस पार्टनर रतन कांत शर्मा ने मार्च 2007 में ट्राइटन होटल्स एंड रिसोर्ट प्रा.लि.कंपनी रजिस्टर कराई थी। अप्रैल 2007 में इस कंपनी के 100 रुपए कीमत वाले 2 लाख 27 हजार शेयर रतन और उसकी पत्नी जूही के नाम थे। इसके अलावा 14 हजार 500 शेयर भी जूही के नाम थे। जुलाई 2011 में ट्राइटन होटल्स के 2500 शेयर मॉरीशस की कंपनी शिवनार होल्डिंग्स को 39 हजार 900 प्रीमियम पर दिए गए। साल 2012-13 में ट्राइटन होटल्स के शेयर की कीमत घटकर 1150 रुपए रह गई। जनवरी 2013 में ट्राइटन होटल्स के 10 हजार शेयर फिर से शिवनार होल्डिंग्स को आवंटित किए गए। आरोप है कि शिवनार होल्डिंग्स कंपनी ने ब्लैक मनी को व्हाइट करने का काम किया। आरोप लगाया कि वैभव और रतन बिजनेस पार्टनर हैं।


ईडी की कार्रवाई से बौखलाएं सीएम गहलोत : शेखावत
जयपुर, 26 अक्टूबर (ब्यूरो): राज्य में कांग्रेस नेताओं पर प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरोपों का जवाब देते हुए केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा है कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे कीर्तिमान तोड़ दिए और अब भ्रष्टाचार के सारे मामले उजागर हो रहे हैं और जांच एजेंसी कार्रवाई कर रही है तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इससे बौखलाए हुए हैं।
नई दिल्ली में पे्रसवार्ता करते हुए शेखावत ने कहा कि जिस तरह से राजस्थान में पेपर लीक हुआ उससे 70 लाख युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो गया और अब प्रदेश में यह हालत हो गई है कि आम जनता और राजस्थान के युवाओं का सरकार की ओर से की जा रही भर्तियों से भरोसा ही उठ गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने पहले पेपर लीक को सामान्य बात बताया, लेकिन भाजपा के दबाव में उन्हें कार्रवाई करनी पड़ी। ऐसे में अब गहलोत को यह बताना चाहिए कि अगर राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा पर आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर अशोक गहलोत या फिर उनके निकटवर्ती लोगों के नाम इसमें शामिल पाए जाते हैं तो क्या उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए? शेखावत ने कहा कि आज जब बड़े लोगों पर कार्रवाई हो रही है तो उनको अपनी जमीन हिलती हुई दिख रही है यह सभी लोग परेशान हैं। लेकिन, अब राजस्थान के युवाओं को न्याय की उम्मीद जगी है। वहीं अब गहलोत बौखलाहट में जांच एजेंसियों के खिलाफ बयान दे रहे हैं।
सीएम ने एसीबी में भ्रष्टाचार मामलों में कार्रवाई क्यों नहीं की: जोशी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि अगर कांग्रेस सरकार ईमानदार हैं, तो ईडी की कार्रवाई से क्या डरना, डर है मतलब चोर की दाढ़ी में तिनका। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की कोई गारंटी नहीं, प्रदेश की जनता उनकी कोई गारंटी नहीं मानती। यह पांच साल पहले गारंटी देकर गए थे कि किसानों की संपूर्ण कर्जा माफ करेंगे, बेरोजगारों को रोजगार भत्ता देंगे। आज जनता उनसे पूछ रही है कि उन वादों का क्या हुआ।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संवैधानिक संस्थाओं पर आरोप क्यों लगा रहे हैं? जबकि वे स्वयं संवैधानिक पद पर बैठे हैं। संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा को गिराने का काम क्यों कर रहे हैं। यदि उनके पुत्र और पार्टी अध्यक्ष ईमानदार है तो दोषमुक्त हो जाएंगे। हाय-तौबा मचा रहे हैं, मतलब इनकी दाल ही काली है। इस दौरान जोशी ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने 5 साल प्रदेश को भ्रष्टाचारी दीमक बनकर चट किया है। जब एसीबी ने पूर्व मंत्री गोपाल केसावत को परीक्षा में पास करने के नाम पर लाखों रुपए लेते हुए गिरफ्तार किया तो कमजोर धाराएं लगाकर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया गया। पेपर लीक के आरोपियों को यह जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट के वकील उपलब्ध करवाते हैं।

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