जयपुर, 22 अप्रैल : वर्ष 1970 से हर साल 22 अप्रैल को मनाए जाने वाले विश्व पृथ्वी दिवस का सामाजिक तथा राजनीतिक महत्व है। वैसे तो 21 मार्च को मनाए जाने वाले इंटरनेशनल अर्थ डे को संयुक्त राष्ट्र का समर्थन हासिल है, लेकिन इसका वैज्ञानिक तथा पर्यावरण संबंधी महत्व ही है। यह बात पृथ्वी दिवस पर लाल बहादुर शास्त्री पीजी महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मनजीत कुमारी ने कही। पृथ्वी दिवस पर राष्ट्रीय सेवा योजना एवं राधा रानी संस्था ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम आयोजित कर स्टूडेंट्स को जागरूक करने का प्रयास किया।
मौके पर डॉ. मनजीत ने कहा कि इसे उत्तरी गोलाद्र्ध के वसंत तथा दक्षिणी गोलाद्र्ध के पतझड़ के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। दरअसल यह दिवस अमेरिकी सीनेटर गेलार्ड नेल्सन की दिमाग की उपज है जो कई वर्षों से पर्यावरण को सभी के लिए एक राह खोजने में लगे थे। वैसे तो ऐसे कई तरीके हैं जिससे हम अकेले और सामूहिक रूप से धरती को बचाने में योगदान दे सकते हैं। वैसे तो हमें हर दिन को पृथ्वी दिवस मानकर उसके संरक्षण के लिए कुछ न कुछ करते रहना चाहिए। बावजूद अपनी व्यस्तता में व्यस्त इंसान यदि विश्व पृथ्वी दिवस के दिन ही थोड़ा बहुत योगदान दे तो धरती के कर्ज को उतारा जा सकता है। इस अवसर पर साइकिल यात्रा निकाली गई, वहीं पक्षियों के दाना व पानी के लिए परिंडे भी लगाए गए। डॉ. मनजीत ने बताया कि मौके पर पर्यावरण विषय पर पोस्टर बनवाने व पौधरोपण भी कराया गया। स्टूडेंट्स को जागरूक कर स्पेशल हमेशा पर्यावरण को संरक्षित करने की सलाह भी दी।
2023-04-23